ADVERTISEMENTREMOVE AD

10 लाख बच्चों को नहीं लगा BCG टीका, कोरोना के कारण टीकाकरण धीमा

जनवरी और अप्रैल के बीच सर्जरी की संख्या आधी हो गई

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

देश में COVID-19 महामारी और इससे निपटने के लिए लागू हुए लॉकडाउन के बीच नियमित स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े पैमाने पर रुकावट देखी गई. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की तरफ से जारी आंकड़ों से इस बात की पुष्टि होती है. स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग पर ये आंकड़े अप्रैल-जून 2020 के दौरान सभी जिलों में, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक, 200000 से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाओं को ट्रैक करके जुटाए गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल-जून के दौरान गंभीर बीमारियों का इलाज, बच्चों का टीकाकरण, मातृ और बाल स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं.

बच्चों का टीकाकरण

NHM के आंकड़ों के मुताबिक,

  • करीब 10 लाख बच्चों का BCG टीकाकरण नहीं हुआ, जो TB के खिलाफ सुरक्षा देता है
  • मार्च के मुकाबले अप्रैल में BCG टीकाकरण में 42 फीसदी गिरावट देखी गई
जनवरी और अप्रैल के बीच सर्जरी की संख्या आधी हो गई
करीब 14 लाख बच्चों को पेंटावेलेंट शॉट नहीं मिला, जो उन्हें 5 घातक बीमारियों (मेनिन्जाइटिस, निमोनिया, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और डिप्थीरिया) से बचा सकता है.

बाकी स्वास्थ्य सेवाओं में भारी गिरावट

सबसे पहले गर्भवती महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़ों की बात करते हैं. सीएनबीसी टीवी18 के मुताबिक, NHM के आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च के मुकाबले अप्रैल में संस्थागत प्रसव में (सी-सेक्शन सहित) 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन और पूर्व-प्रसव संबंधी जांच में जनवरी के मुकाबले अप्रैल में 51 फीसदी गिरावट देखी गई.

बाकी और स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो पहले के महीनों की तुलना में अप्रैल में वर्किंग एलोपैथिक ओपीडी की संख्या लगभग आधी रह गई.

जनवरी और अप्रैल के बीच सर्जरी की संख्या आधी हो गई. इसके अलावा जनवरी के मुकाबले अप्रैल में लैब टेस्टिंग में 63 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
जनवरी और अप्रैल के बीच सर्जरी की संख्या आधी हो गई

इंडियास्पेंड के मुताबिक, NHM के आंकड़ों को लेकर कनाडा की McGill यूनिवर्सिटी में McGill इंटरनेशन TB सेंटर के निदेशक मधुकर पई ने कहा, ''इस संकट के दौरान छूटी हुई हर टीकाकरण खुराक भविष्य में TB या खसरा का मामला हो सकती है. हर मरीज को अभी TB का पता नहीं चला है. अगर संस्थागत प्रसव कम हो गए हैं, तो इससे मातृ और नवजात मृत्यु दर का खतरा बढ़ जाता है.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×