देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्य फिर से लॉकडाउन की घोषणा कर रहे हैं. इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए गए. जिनमें बताया गया कि दुनिया के मुकाबले भारत की स्थिति फिलहाल ठीक है. बताया गया कि भारत में पर मिलियन केस 657 हैं. जो दुनिया में काफी कम संख्या में हैं. साथ ही मंत्रालय ने बताया कि सिर्फ 10 राज्यों में पूरे देशभर के 86 फीसदी मामले हैं.
सिर्फ 10 राज्यों में 86 फीसदी केस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि आज भारत में एक्टिव केस 311565 हैं. जबकि 571459 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं और ये संख्या लगाता बढ़ती जा रही है. कई ऐसे राज्य हैं जहां नए केस आने के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. मंत्रालय ने बताया,
अभी भी देश की कुल संख्या का 86 फीसदी केवल 10 राज्यों तक ही सीमित है. इनमें भी दो राज्य ऐसे हैं जहां 50 फीसदी केस हैं. ये दोनों राज्य महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं. जबकि बाकी 36 फीसदी केस 8 राज्यों में हैं.
महाराष्ट्र में कुल कोरोना मामलों की संख्या 260924 तक पहुंच चुकी है. वहीं 105935 केस फिलहाल एक्टिव हैं. राज्य में अब तक कोरोना से 10482 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दूसरे राज्य तमिलनाडु में कुल केस 142798 हैं, यहां एक्टिव केस 48199 हैं जबकि अब तक 2032 लोगों की मौत हुई है.
रिकवरी रेट में लगातार सुधार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 2 मई से लेकर 30 मई तक रिकवर्ड केस के मुकाबले एक्टिव केस ज्यादा थे. लेकिन आज की तारीख में एक्टिव केस की तुलना में 1.8 गुना ज्यादा रिकवर होने वाले केस हैं. मई में रिकवरी रेट 26 फीसदी था, जबकि मई के अंत तक वो 48 फीसदी हो गया और अब जुलाई में देश का रिकवरी रेट 63 फीसदी तक पहुंच चुका है.
देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां रिकवरी रेट काफी ज्यादा है. जिसमें त्रिपुरा, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में रिकवरी रेट 70 फीसदी से भी ज्यादा है. वहीं लद्दाख में सबसे ज्यादा 87 फीसदी और दिल्ली में 80 फीसदी रिकवरी रेट है. इस लिस्ट में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य भी शामिल हैं.
टेस्टिंग को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर आईसीएमआर की तरफ से बताया गया कि, डब्ल्यूएचओ ने एक डॉक्यूमेंट जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि जो संदिग्ध केस हैं उनकी लगातार टेस्टिंग की जाए. साथ ही ये कहा गया कि अगर 140 टेस्ट पर डे पर मिलियन हो रहे हैं तो वो काफी है. भारत में भी कई राज्यों में इतने टेस्ट हो रहे हैं.
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