कोरोना वायरस का प्रभाव आनेवाले दिनों में पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है. वहीं, इसका गहरा प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा. संयुक्तराष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. साथ ही रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत की वृद्धि दर घटकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रह सकती है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ‘एशिया और प्रशांत का आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण (ESCAP) 2020: संवहनीय अर्थव्यवस्थाओं की ओर’ में कहा गया है कि क्षेत्र में कोविड-19 का दूरगामी आर्थिक और सामाजिक परिणाम हुआ है और सीमापार व्यापार, पर्यटन तथा वित्तीय संबंध सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये बेहद प्रारंभिक पूर्वानुमान हैं और 10 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों और सूचनाओं पर आधारित हैं.
एशिया और प्रशांत की अर्थव्यवस्थाओं पर ज्यादा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी अभी भी तेजी से बढ़ रही है,और रूकने का नाम नहीं ले रही है. इसलिए एशिया और प्रशांत की अर्थव्यवस्थाओं पर इसका नकारात्मक असर बहुत अधिक होने की आशंका है.
भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमानों में पहले की तुलना में काफी कमी आई है और बेरोजगारी बढ़ने से भी उपभोक्ता भावनाएं प्रभावित हुई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को निर्यात के साथ ही कृषि गतिविधियों संबंधी चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी भी थमता हुआ नहीं दिख रहा है. अब देश में 5734 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई है. मौत और संक्रमण का आंकड़ा देश में तेजी से बढ़ रहा है.
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