लखनऊ के स्वतंत्र पत्रकार विनय श्रीवास्तव नहीं रहे. 65 साल के विनय मौत से कुछ घंटों पहले तक ट्विटर पर मदद की गुहार लगाते रहे थे. अपने ऑक्सीजन लेवल की जानकारी दे-देकर वो अस्पताल में एक अदद बेड की मांग कर रहे थे. आखिरकार मदद नहीं मिल सकी और वो नहीं बचे. लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर के अलावा भी यूपी के अलग-अलग शहरों से ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं.
कहीं ऑक्सीजन खत्म तो कहीं बेड, अस्पताल की कमी, कहीं-कहीं तो टेस्ट के लिए लंबी लाइन और फिर रिपोर्ट के इंतजार की बात सामने आ रही है. ऐसी खराब हालत में भी आपको मुंबई और दिल्ली की ही खबर ज्यादा और यूपी की कम दिखाई-सुनाई दे रही होंगी. क्विंट हिंदी ने इस 'भ्रम' को दूर करने के लिए दिल्ली, मुंबई और यूपी के चार बड़े शहरों के कोविड से जुड़े डेटा का एनालिसिस किया है.
1 से 15 अप्रैल के बीच प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ जैसे यूपी के शहरों में एक्टिव कोरोना वायरस के केस मुंबई-दिल्ली की तुलना में ज्यादा तेज बढ़े. ये ठीक है कि मुंबई दिल्ली में तादाद ज्यादा है लेकिन यूपी के शहरों में रफ्तार ज्यादा है. इस अवधि में डेली एक्टिव केस भी इन शहरों में काफी बढ़ गए हैं.
1 से 15 अप्रैल के बीच तेजी से बढ़े डेली कोरोना वायरस केस
1 से 15 अप्रैल के बीच लखनऊ में डेली केस 454% बढ़कर 935 केस से 5,183 केस हो गया. वहीं कानपुर में ये इजाफा 1126 फीसदी का और वाराणसी में 832 फीसदी का देखने को मिला. 15 दिनों में ही डेली कोविड केस में सैंकड़ों गुना के इजाफे के लिए कितना तैयार था उत्तर प्रदेश? इन तैयारियों की हकीकत यूपी के अलग-अलग अस्पतालों और शमशान घाटों से मिल रही हैं.
इसी अवधि में मुंबई में डेली कोरोना वायरस केस की संख्या में गिरावट देखने को मिली है और दिल्ली में करीब 500% की बढ़ते देखने को मिली है.
यहां इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि 2011 जनगणना के मुताबिक, मुंबई की आबादी जहां 1.25 करोड़ है, दिल्ली की वहीं 1.68 करोड़ है. यूपी के शहरों की बात करें तो लखनऊ में 46 लाख, प्रयागराज की 60 लाख, कानपुर की करीब 46 लाख और वाराणसी की 37 लाख है. अब जहां आबादी ज्यादा है वहां संक्रमण को फैलने से रोकने देना ज्यादा बड़ी चुनौती है.
1 से 15 अप्रैल के बीच एक्टिव कोरोना वायरस केस
प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी जैसे यूपी के शहरों में एक्टिव कोरोना वायरस केस हजार गुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. इस हिसाब से मुंबई-दिल्ली की स्थिति इन शहरों से बेहतर है. मुंबई में 1 से 15 अप्रैल के बीच के आंकड़ों में 55 फीसदी की बढ़त दिखती है, दिल्ली में 417 फीसदी की बढत है. वहीं प्रयागराज में 1764% ज्यादा एक्टिव केस 1 अप्रैल के मुकाबले 15 अप्रैल को देखने को मिले हैं. कानपुर में 1460% और वाराणसी में 1510%.
महाराष्ट्र Vs उत्तर प्रदेश
1 अप्रैल को यूपी में 2600 केस सामने आए थे. इससे तीन-चार दिन पहले तक कोई सोच नहीं रहा था कि यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण का इस तरह का प्रकोप देखने को मिलेगा. महज 15 दिन बाद ही डेली कोरोना वायरस केस 2600 से बढ़कर 22439 हो गया. महाराष्ट्र में पहले से ही डेली कोरोना वायरस की संख्या ज्यादा आ रही थी, लेकिन यहां आंकड़े यूपी जितनी तेजी से बढ़ते नहीं दिखे.
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ही हैं.
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