मजदूरों को वापस उनके गृह राज्यों में लाने के लिए ट्रेन चला दी गई है, नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं. ट्विटर-फेसबुक पर सर्कुलर जारी कर दिए गए हैं. लेकिन क्या ये जानकारी उन तक पहुंच रही है, आखिर घर जाने के लिए वो अपना रजिस्ट्रेशन कहां-कैसे कराएं? बहुत सारे मजदूरों को शायद ये समझ नहीं आ रहा.
इस बात की तस्दीक करता है इंदौर का ये वीडियो जिसमें कुछ मजदूरों ने तो सीमेंट-गिट्टी को मिलाने वाले मिक्सर को ही अपने ट्रांसपोर्ट का साधन बना डाला. मजबूर थे सीमेंट मिक्सर में ही बैठकर अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े. लेकिन इंदौर में यातायात पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.
क्या इनतक नहीं पहुंच पा रही है जानकारी?
इंदौर के क्षिप्रा इलाके के यातायात अधिकारी के मुताबिक, सांवेर रोड पर बने चेक पोस्ट पर आते-जाते वाहनों की चेकिंग हो रही है. इसी इसी दौरान महाराष्ट्र की ओर से आ रहे एक मिक्सर में कुछ हलचल नजर आई. जब उसे देखा गया तो मिक्सर के अंदर 18 लोग थे. सभी मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है. वहीं मिक्सर को जब्त कर कार्रवाई की जा रही है.
मजदूरों ने बताया कि वो महाराष्ट्र से इसमें बैठकर लखनऊ जा रहे हैं.
बता दें कि राज्य सरकारों द्वारा मजदूरों के लिए बसें भेजी जा रही है. वहीं, केंद्र सरकार ने श्रमिक रेलगाड़ियां भी चलाई हैं. इसके बाद भी मजदूर साधन न मिलने पर अपने घरों तक पहुंचने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं.
केंद्र-राज्य सरकारों के जरिए किए जा रहे तमाम उपायों की जानकारी इनतक क्यों नहीं पहुंच पा रही है?
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