ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रवासी मजदूरों के लिए SOP जारी, ‘मजदूर जहां हैं वहीं रहेंगे’

केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखा है. अब गृह मंत्रालय की ओर से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में फंसे मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया गया है. इसके मुताबिक, वर्तमान में मजदूर जहां रह रहे हैं वहीं रहेंगे. केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी. इन मजदूरों को इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, खेती और मनरेगा के काम में लगाया जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में मजदूरों की सुविधा के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. जो 20 अप्रैल 2020 से लागू किया जाएगा.

  • प्रवासी मजदूर जो वर्तमान में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राहत और आश्रय शिविरों में रह रहे हैं. उन्हें स्थानीय प्रमाणिकता के साथ पंजीकृत किया जाएगा. इसके साथ ही उनकी उपयुक्तता को देखते हुए उनके कौशल के अनुसार उनकी पहचान की जाएगी.
  • कोरोना वायरस की वजह से फंसे प्रवासियों का एक समूह जो अपने कार्यस्थल पर वापस जाना चाहता है, वो जो राज्य में रह रहे हैं उनकी जांच की जाएगी और जो ठीक हैं उन्हें उनके कार्यस्थल पर ले जाया जाएगा.
  • इसका ध्यान रखा जाएगा कि जो मजदूर जहां है वह किसी दूसरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में काम करने के लिए नहीं जाएंगे.
  • बस से यात्रा के दौरान ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षित सोशल डिस्टेशिंग के मानदंडों का पालन किया जा रहा और जिन बसों का उपयोग किया जाएगा उसे स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार सैनिटाइज कर मंजूरी दी जाएगी.
  • इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों को यात्रा के दौरान उन्हें खाना और पानी जैसी सुविधाएं देनी होगी.

बता दें कि, देश में अब तक 15712 लोग कोरोना से संक्रमित है. जबकि 507 लोगों की अब तक कोरोना से मौत हो गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×