कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का उनके कार्यस्थल से घरों की ओर पलायन देखने को मिल रहा है.
जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पलायन के दौरान बड़ी संख्या में साथ दिख रहे लोगों की तस्वीरें लॉकडाउन की स्थिति को लेकर सवाल उठा रही हैं.
- 01/05गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश(फोटो: PTI)
- 02/05गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश(फोटो: PTI)
- 03/05सूरत, गुजरात(फोटो: PTI)
- 04/05नई दिल्ली (फोटो: PTI)
- 05/05नई दिल्ली(फोटो: PTI)
गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी की एडवायजरी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के बीच बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को रोकने के लिए राज्यों को एडवायजरी जारी की है.
मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने 27 मार्च को बताया, ‘‘गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया है कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को रोकें, ताकि कोरोनावायरस से संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.’’
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिश्चित करें कि सभी होटल, किराए के मकान/कमरे और छात्रावास आदि संचालित होते रहें और जरूरी चीजों की आपूर्ति सही तरीके से हो ताकि छात्र और कामकाजी महिलाएं, छात्रावासों में रहने वाले लोग जहां हैं वहीं बने रहें.
‘यूपी सरकार ने किया 1000 बसों का इंतजाम’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 28 मार्च को बताया गया, ''कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने हेतु लागू लॉकडाउन के कारण पलायन कर रहे कामगारों की मदद के लिए यूपी सरकार ने 1000 बसों का इंतजाम किया है, जिससे लोग अपने गंतव्य स्थान तक बिना किसी परेशानी के पहुंच सकें.''
इसके अलावा बताया गया, ''इन अपरिहार्य परिस्थितियों में पलायन कर अपने गंतव्य स्थानों तक जा रहे कामगारों के भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का भी इंतजाम मुख्यमंत्री द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है.''
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