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मालदीव से भारतीयों को निकालने के लिए नेवी का ऑपरेशन शुरू

विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू हो चुका है.

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कोरोना वायरस के चलते विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू हो चुका है. ये मिशन अगले 7 दिन तक जारी रहेगा. इसी के तहत भारतीय नौसेना भी ऑपरेशन समुद्र सेतु से लोगों को भारत वापस लाने का काम कर रही है. नेवी का वॉरशिप आईएनएस जलश्व करीब 750 भारतीयों को लेकर कोच्चि आ रहा है.

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मालदीव के वेलाना एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स का पूरा चेकअप और स्क्रीनिंग हुई. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद लोगों को आगे जाने दिया गया. इसे लेकर मालदीव का इंडियन हाई कमीशन लगातार अपने ट्विटर अकाउंट पर अपडेट कर रहा है.

सरकार के इस पूरे मिशन के तहत आईएनएस जलश्व को आईएनएस मगर के साथ मुंबई कोस्ट पर तैनात किया गया था. जिसके बाद इशे सोमवार रात को मालदीव के लिए रवाना कर दिया गया. वहीं आईएनएस शार्दुल को दुबई के लिए डाइवर्ट कर दिया गया.

नेवी शिप में आने का किराया

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय नौसेना का कोई जहाज लोगों को लाने के लिए फीस वसूल रहा हो. सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि भारतीयों को वापस आने के लिए किराया देना होगा.

गुरुवार 7 मई को माले इंडियन हाई कमीशन ने बताया कि जो भारतीय वापस लौटना चाहते हैं उन्हें 40 डॉलर यानी करीब 3 हजार रुपये चुकाने होंगे. इसे स्वदेश लौटने के लिए लिया जा रहा सर्विस चार्ज बताया गया है. ये चार्ज आईएनएस जलश्व के जरिए वापस आने वाले लोगों से लिया गया.

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हाई कमीशन ने कहा कि इमिग्रेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद वेलाना इंटरनेशनल एरयपोर्ट के सर्विस फीस कलेक्शन काउंटर पर ये पैसे चुकाने होंगे. वहीं भारतीय नौसेना ने भी ट्विटर पर बताया कि ऑपरेशन समुद्र सेतु का पहला चरण शुरू हो चुका है. नेवी ने इस पूरे प्रोसेस की फोटो और वीडियो ट्विटर पर पोस्ट की हैं.

वहीं मालदीव इंडियन हाई कमीशन ने भी ट्विटर पर कस्टम अधिकारियों की फोटो पोस्ट की हैं, जो पीपीई किट पहने हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“इतने बड़े स्तर पर लोगों को निकालने वाला ये ऑपरेशन मालदीव के कस्टम सर्विस ऑफिसर्स के बगैर संभव नहीं हो सकता था.”
मालदीव इंडियन हाई कमीशन

बता दें कि नेवी मालदीव से करीब 2 हजार भारतीयों को शुक्रवार से वापस निकालना शुरू कर दिया है. ये प्रोसेस दो फेस में पूरा होगा. पहला केरल के कोच्चि तक और दूसरा तमिलनाडु के थूथुकुड़ी तक होगा. जो यहां रहने वाले भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत है.

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