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ऑनलाइन ग्रॉसरी सर्विस पड़ी ठप, दिल्ली पुलिस पर पिटाई का आरोप

ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं

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भारत
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देशभर में लॉकडाउन के बीच, ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. पीएम के देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान के बाद, लोगों ने जरूरत का सामान मंगाने के लिए ऑनलाइन ऐप्स का सहारा लेना चाहा, लेकिन ऐप्स समान डिलीवर नहीं कर पा रहे हैं.

ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर्स का कहना है कि 'अधिकारियों के प्रतिबंध' के कारण उन्हें समान डिलीवर करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस और ऐप प्रतिनिधियों के बीच बैठकों के बाद इसका समाधान निकल सकता है.

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कस्टमर्स झेल रहे परेशानी

बिग बास्केट खोलने पर कस्टमर्स को ये मैसेज दिखाई देता है:

“डियर कस्टमर्स, जरूरी सेवाओं को पहुंचाने के केंद्र के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद सामान की आवाजाही पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण हम सर्विस नहीं दे पा रहे हैं. हम जल्द काम करने के लिए अधिकारियों के से बात कर रहे हैं.”
ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं

ऐसे ही हालातों का सामना ग्रोफर्स भी कर रहा है. बिग बॉस्केट की कॉम्पटीटर ने भी ट्विटर पर बताया कि वो अपनी सर्विस चालू करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बात कर रही है.

मीट की डिलीवरी करने वाले ऑनलाइन स्टोर, लीशियस का भी अपने कस्टमर्स के लिए ऐसा ही मैसेज है. लीशियस ने लिखा है कि वो फिलहाल ऑर्डर नहीं ले सकता.

ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं
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ई-कॉमर्स कंपनी और ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर के कई डिलीवरी बॉय को रोका गया और पुलिस के हाथों उन्हें उत्पीड़न का सामना भी करना पड़ा. कुछ का कहना है कि उनके डिलीवरी बॉय से मारपीट भी की गई.

पुलिस पर पीटने का भी आरोप

दवाइयां जरूरी सेवाओं में आती हैं और गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, सब्जी-राशन की दुकानों के साथ-साथ दवाई की दुकानों को भी खुला रहने की छूट है. ऑनलाइन केमिस्ट, मेडलाइफ के सीईओ और को-फाउंडर अनंत नारायण ने बताया कि मेडलाइफ के डिलीवरी एग्जीक्यूटिव को पुलिस ने मारा. नारायण ने बताया कि "डिलीवरी एग्जीक्यूटिव प्रकाश दिल्ली के टोडापुर में था और कर्फ्यू पास ला रहा था. वापस आते वक्त पुलिस ने उसे मारा. उसे चेहरे और शरीर पर चोट आई है. हमें बेंगलुरू से भी ऐसी ही रिपोर्ट मिल रही हैं."

“हम राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वो सुनिश्चित करें कि वैध दस्तावेज के साथ डिलीवरी एग्जीक्यूटिव को इस मुश्किल समय में अपना काम करने के लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए जाएं.”
अनंत नारायण, मेडलाइफ के सीईओ और को-फाउंडर

दूध, फल और सब्जियों की डिलीवरी करने वाले ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोरी मिल्क बास्केट ने भी अपने कस्टमर्स को नोटिफिकेशन भेजकर कहा कि वो सभी डिलीवरी पूरी नहीं कर पाएंगे. मिल्क बास्केट का ये नोटिफिकेशन देशभर में लॉकडाउन के ऐलान से भी पहले आया.

COVID-19 महामारी को रोकने के प्रयास में किराने के सामान और दवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी सहित सभी जरूरी सेवाओं को 21 दिन के लॉकडाउन से मुक्त किया गया है.

ये बातें मंत्रालय की गाइडलाइंस में भी है और दिल्ली पुलिस ने भी इसे ट्वीट किया है.

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ऑनलाइन ग्रॉसरी को क्यों रोका गया?

फैसला लेने वाले और लॉकडाउन को जमीनी स्तर पर लागू करने वालों के बीच गलतफहमी दिखाई दे रही है. ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर की शिकायतों के बाद, बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है.

दिल्ली पुलिस ने भी ऑनलाइन स्टोर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और कहा कि डिलीवरी एजेंट्स को पास जारी किया जाएगा.

“मैंने ई-कॉमर्स वेबसाइट के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की, उन्होंने अपनी परेशानियों के बारे में बताया. हमने उन्हें पास जारी कर दिए हैं और आश्वासन दिया है कि उनके डिलीवरी एजेंट्स को पुलिस से मदद की जाएगी.”
एमएस रंधावा, पीआरओ, दिल्ली पुलिस 

डिलीवरी एजेंट और जरूरी सेवाओं से जुड़े दूसरे लोगों को दिल्ली पुलिस में पास के लिए अप्लाई करना होगा. सामान पहुंचाने के दौरान उन्हें पास और अपने आईडी कार्ड का प्रिंट आउट लेना होगा.

दिल्ली सरकार जरूरी समान की डिलीवरी के लिए भी ई-पास जारी कर रही है. इसलिए उम्मीद है कि डिलीवरी सर्विस को एक या दो दिन में ठीक किया जाएगा.

किराने का और जरूरी समान डिलीवर करने वालों के लिए ई-पास जारी किए जा रहे हैं. कोई भी व्यक्ति जो ट्रांजिट में समस्या का सामना कर रहा है, वो दिल्ली में हेल्पलाइन नंबर- 011 23469536 पर कॉल कर सकता है.

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