झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले 65 साल के एक शख्स के शव को दफनाए जाने को लेकर यहां बरियातू रोड और फिर रातू रोड कब्रिस्तान के बाहर लोगों ने विरोध किया. प्रशासन के समझाने पर भी लोग नहीं माने. पुलिस की कोशिशों के बाद यहां से दूर डोरंडो कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी की गई है. लेकिन यहां भी विरोध किया जा रहा है.
रिम्स अस्पताल में इस व्यक्ति की मौत होने के बाद हिंदपीढ़ी के रहने वाले इस व्यक्ति के शव को पास के बरियातू कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी की गई, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने रातू रोड स्थित कब्रिस्तान में उसे दफनाने की तैयारी की.
हालांकि, इसकी भनक लगते ही यहां भी बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गए और शव को दफनाने का विरोध किया. विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि इससे उनके बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होगा. स्थिति को नियंत्रित करने मौके पर पहुंचे उपायुक्त राय महिमापत रे ने लोगों से बातचीत की और वहां शव नहीं दफनाने की लोगों की मांग मान ली.
लोगों ने नहीं मानी प्रशासन की बात
शहर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने बाद में लाउडस्पीकर से घोषणा की कि रातूरोड कब्रिस्तान पर मृतक को नहीं दफनाया जायेगा और लोग अपने-अपने घरों में चले जाएं. लेकिन इसके बाद भी लोग सड़कों पर जमे रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि जब मृतक हिंदपीढ़ी इलाके का रहने वाला था तो उसे रातू रोड में दफनाने के लिए क्यों लाया जा रहा है?
वहीं, लोगों के नहीं मानने के बाद अब प्रशासन ने उसे डोरंडो कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी की है. लेकिन यहां भी शव को दफनाने को लेकर बवाल हो रहा है.
रिम्स में भर्ती 65 वर्षीय व्यक्ति की रविवार सुबह मौत हो गई थी. वह तबलीगी जमात के सदस्य से संक्रमित हुआ था. इस मौत के साथ ही राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या दो हो गई है जबकि 15 अन्य संक्रमित हैं.
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