कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने लोगों को राहत देते हुए अस्थायी तौर पर टोल टैक्स पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब सरकार 26 दिन की छूट के बाद फिर से इसे वसूलने की तैयारी कर रही है. सरकार के निर्देश के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) 20 अप्रैल से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स की वसूली फिर शुरू करेगा. हालांकि, ट्रक परिवहन से जुड़े लोगों ने अभी मुश्किल समय का हवाला देते हुए इसका विरोध किया है.
टोल टैक्स वसूली शुरू करने का ये निर्णय सोमवार से सड़कों पर ट्रकों की आवाजाही की छूट देने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के मद्देनजर लिया गया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 25 मार्च से टोल टैक्स की वसूली को स्थगति करने की घोषणा करते हुए कहा था कि
कोविड- 19 के मद्देनजर पूरे देश में राजमार्गों की पथकर चौकियों पर टोल की वसूली अस्थायी तौर पर स्थगित की जा रही है. सरकार ने कहा था कि इससे न केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए असुविधा कम होगी बल्कि महत्वपूर्ण समय की बचत भी होगी.
परिवहन मंत्रालय ने NHAI को लिखा पत्र
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने NHAI को लिखे नए पत्र में कहा है, ‘‘केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों को राज्य के भीतर और राज्यों में आवागमन के लिए जो छूट दी गयी थी, उसी संबंध में NHAI को गृह मंत्रालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए और टोल टैक्स की वसूली 20 अप्रैल, 2020 से की जानी चाहिए.’’
NHAI के एक पत्र का उत्तर देते हुए, मंत्रालय ने कहा है कि NHAI ने 11 और 14 अप्रैल के अपने दो पत्रों में टोल टैक्स की वसूली फिर शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया था और इसके कारण बताते हुए कहा था कि गृह मंत्रालय ने व्यावसायिक एवं निजी प्रतिष्ठानों तथा विनिर्माण गतिविधियों सहित बहुत से कार्यों के लिए 20 अप्रैल से वाहनों की आवाजाही की अनुमति दे दी है.
पत्र में लिखा है कि NHAI ने कहा है कि टोल टैक्स की वसूली से सरकार को राजस्व मिलता है और इससे NHAI को भी धन लाभ होता है.
AIMTC ने किया फैसले का विरोध
परिवहन उद्योग से जुड़े ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि यह बहुत ही गलत है, सरकार चाहती है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति अबाध जारी रहे, और हमारा समुदाय तमाम बाधाओं के बावजूद ऐसा कर रहा है.
AIMTC का दावा है कि उसके सदस्य आपरेटर कुल 95 लाख ट्रकों का परिचालन करते हैं. संगठन के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि ट्रक परिवहन उद्योग की वित्तीय रूप से कमर टूटी हुई है. ऐसे में इस क्षेत्र को मदद की दरकार है लेकिन उस पर कठिनाई होते हुए भी टोल का बोझ फिर थोपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रक आपरेटरों का 20 प्रतिशत राजस्व टोल में निकल जाता है.
सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी प्रतिबंधों के दौरान 25 मार्च से टोल टैक्स की वसूली अस्थायी तौर पर रोक दी थी ताकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में आसानी हो और समय कम लगे. लेकिन ट्रक आपरेटरों के दावों के विपरीत सड़क परिवहन क्षेत्र का अध्ययन करने वाले स्वतंत्र संगठन इंडियन फेडरेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के समन्वयकर्ता एसपी सिंह ने कहा, ‘पिछले 21 दिन के अध्ययन का यह निष्कर्ष है कि ट्रक आपरेटरों ने टोल हटाए जाने का लाभ सेवा लेने वालों को शायद ही पहुंचाया है.
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