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वैक्सीन को मंजूरी: विपक्षी नेताओं की नसीहत और ट्रायल पर सवाल

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे.

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भारत
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वैक्सीन को मंजूरी: विपक्षी नेताओं की नसीहत और ट्रायल पर सवाल
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देश में बनीं दो कोरोना वैक्सीनों को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है जिसे पीएम मोदी ने महामारी के खिलाफ जंग में निर्णायक क्षण बताया है.

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सत्तापक्ष की तरफ से कई नेता, केंद्रीय मंत्री इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए देश को बधाई दे रहे हैं. वहीं विपक्ष के कुछ नेता कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने की बधाई दे रहे हैं तो कुछ केंद्र की एनडीए सरकार को नसीहत देते भी नजर आ रहे हैं. कुछ कांग्रेस नेताओं ने कोवैक्सीन को अभी मंजूरी देने पर सवाल भी उठाए हैं.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे.

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कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसलिए बीजेपी सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतजामों के बाद ही शुरू करे. ये लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है. गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो.
अखिलेश यादव

वहीं यूपी की एक और बड़ी पार्टी बीएसपी की अध्यक्ष मायावती ने वैक्सीन को मुफ्त मुहैया कराए जाने की अपील की है.

अति-घातक कोरोनावायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई. साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा.
मायावती
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ट्रायल पर शशि थरूर के सवाल

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कोवैक्सीन के ट्रायल को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अपील की है कि इसके बारे में लोगों को सफाई देनी ही चाहिए, उनका कहना है कि तीसरे फेज के ट्रायल बगैर मंजूरी खतरनाक है.

Covaxin ने अभी तक तीसरा फेस ट्रायल भी नहीं किया है. समय से पहले वैक्सीन की मंजूरी देना काफी खतरनाक हो सकता है. डॉक्टर हर्षवर्धन कृपया लोगों को इसके बारे में साफ-साफ बताएं. भारत में इस वैक्सीन का टीकाकरण शुरू नहीं होना चाहिए, लेकिन इसबीच हम AstraZeneca वैक्सीन से शुरुआत कर सकते हैं.
शशि थरूर

कमोबेश यही सवाल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पूछा है -

भारत बायोटेक एक ‘फर्स्ट रेट एंटरप्राइज’ है, लेकिन ये हैरान कर देने वाली बात है कि उन्होंने फेस 3 ट्रायल के परीक्षणों से संबंधित इंटरनेशनल एक्सेप्टेड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया है, जो वैक्सीन के टीकाकरण के लिए होना ही चाहिए.स्वास्थ्य मंत्री कृपया इसे समझाइए.

अब Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद उठ रहे सवालों पर एम्स के डायरेक्टर ने कहा है कि आने वाले दिनों में सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन मुख्य वैक्सीन होगी.

भारत बायोटेक दोबारा संक्रमण के मामले में इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए सिर्फ बैकअप है.

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