कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) को ही सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. ऐसे में अब सबसे ज्यादा खतरा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को है. जिनके लिए वैक्सीन अब तक तैयार नहीं हुई है. इसे लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बीजेपी सांसदों की बैठक में जानकारी दी गई है. जिसमें बताया गया कि अगले कुछ ही हफ्तों में बच्चों के लिए भी वैक्सीन आ सकती है.
अगले महीने तक शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि संसद में हुई इस बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि, अगले महीने तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा.
बता दें कि कोरोना के मामले भले ही कम हो रहे हैं, लेकिन तमाम राज्य सरकारों को चिंता इस बात की है कि अगर स्कूल खोले गए तो बच्चों को कोरोना का खतरा है. क्योंकि किसी भी बच्चे को अब तक वैक्सीन नहीं लग पाई है.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच अब तमाम एक्सपर्ट्स बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी बता रहे हैं. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जाए.
बच्चों पर चल रहा है वैक्सीन का ट्रायल
फिलहाल भारत में बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और जाइडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. कोवैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल के रिजल्ट अगले महीने तक सामने आ सकते हैं. इससे पहले एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि सितंबर की शुरुआत में कोवैक्सीन ट्रायल के नतीजे सामने आ सकते हैं और इसके ठीक बाद बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है.
कोवैक्सीन और जाइडस कैडिला के अलावा मॉर्डना ने भी बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार की है. जिसे 12 से 17 साल तक के बच्चों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ देशों में इसे मंजूरी भी दी जा रही है. साथ ही फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन भी अगले कुछ महीनों में भारत आ सकती है. इसकी वैक्सीन को अमेरिका में 12 से 15 साल तक के बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है.
स्कूल खुलने से पहले वैक्सीनेशन जरूरी
यानी ये राहत भरी खबर है कि अगले कुछ ही हफ्तों बाद बच्चों का भी वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. जिससे वो कोरोना के खतरे से कुछ हद तक बच सकते हैं. दिल्ली और बाकी कुछ राज्यों ने भी ये कहा है कि बिना वैक्सीनेशन के स्कूलों को खोलना खतरनाक हो सकता है.
बता दें कि भारत में पिछले कई महीनों से वैक्सीनेशन ड्राइव चल रही है. अब तक करीब 44 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं. हालांकि लगातार वैक्सीन की कमी को लेकर शिकायतें सामने आ रही हैं. उधर सरकार का कहना है कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है.
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