देश में दो कंपनियों के कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है और देशभर के कई राज्यों ड्राई रन भी हो चुका है. अब सरकार का कहना है कि ड्राई रन का जो फीडबैक मिला है, उसके मुताबिक इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने के 10 दिन के भीतर वैक्सीनेशन शुरू करने की तैयारी है.
2 जनवरी को देशभर में चला था ड्राई रन
इससे पहले दो जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी सहित लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने शनिवार को 125 जिलों में फैले 285 सत्र स्थलों (सेशन साइट) पर ड्राई रन अभियान चलाया गया. केंद्र के निर्देश पर आंध्र प्रदेश, असम और गुजरात के साथ दिल्ली, पंजाब और हरियाणा उन कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल रहे, जिन्होंने पहले ही दिन कोविड-19 टीकाकरण के लिए ड्राई रन अभियान चलाया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है. इस टीके को एक करोड़ हेल्थकेयर वर्करों के साथ दो करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्करों और 27 करोड़ 50 वर्ष से अधिक के बुजुर्गो को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा, जो किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट-भारत बायोटेक का साझा बयान
इससे पहले ड्रग्स रेगुलेटर DCGI ने 3 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक दोनों की कोरोना वैक्सीनों को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी. इसके बाद भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin पर सवाल उठने शुरू हो गए. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने भी बिना नाम लिए कंपनी पर तंज कसा था. अब दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान जारी किया है. सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने साझा बयान 'भारत और दुनिया में COVID-19 वैक्सीन के सहज रोलऑउट के प्रति अपनी प्रतिज्ञा की जानकारी' देने के लिए जारी किया है.
साझा बयान में कहा गया, "अदार पूनावाला और डॉ कृष्णा एल्ला दोनों कंपनियों की तरफ से आज भारत और दुनिया के लिए COVID-19 वैक्सीनों को डेवलप, मैन्युफेक्चर और सप्लाई करने के अपने साझा इरादे के बारे में जानकारी देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सामने ज्यादा बड़ा काम भारत और दुनिया में जनसंख्याओं की आजीविका और लोगों की जिंदगियां बचाना है."
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