ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड डेथ सर्टिफिकेट: केंद्र को गाइडलाइन तैयार करने के लिए SC ने दिया एक और मौका

सुप्रीम कोर्ट में कोविड से मरने वालों के मुआवजे को वैधानिक रूप से अनिवार्य बताया था

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार, 3 सितंबर को केंद्र को एक और मौका दिया कि वह COVID-19 से मरने वालों के संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान दिशानिर्देश तैयार करे.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार को इसके लिए 10 दिन का समय देते हुए 11 सितंबर तक अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर, सोमवार को होगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पिछली सुनवाई में क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त की अपनी पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार को COVID के कारण मरने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजे पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया था.

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वो 30 जून, 2021 को न्यायमूर्ति शाह द्वारा लिखे गए पहले के फैसले और न्यायमूर्ति (अब सेवानिवृत्त) अशोक भूषण द्वारा शामिल किए गए अन्य दिशानिर्देशों पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करे. इसके बाद केंद्र सरकार ने याचिका दायर करके इस पर अधिक समय मांगा था.

कोर्ट ने एनडीएमए (NDMA) को छह सप्ताह के भीतर यह पता लगाने का निर्देश भी दिया था कि क्या COVID के कारण मरने वालों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा राशि दी जा सकती है, साथ ही कोर्ट ने इसे वैधानिक रूप से अनिवार्य बताया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि,

"अगर एनडीएमए कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजे की अनुग्रह राशि प्रदान करने में विफल रहता है, तो एनडीएमए अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा है."

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका

शीर्ष अदालत में दो वकीलों गौरव कुमार बंसल और दीपक कंसल ने कोविड के कारण मरने वालों के परिवार के सदस्यों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने और डेथ सर्टिफिकेट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 के सबंध में गृह मंत्रालय के पत्र का हवाला दिया था.

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि "किसी भी आधिकारिक दस्तावेज पर अपने परिवार के सदस्य / रिश्तेदार की मौत का असली कारण जानना परिवार के सदस्यों का अधिकार है." उन्होंने आगे कहा था कि जो COVID-19 के कारण मर रहे हैं, चिकित्सा अधिकारी उनका पोस्टमार्टम नहीं कर रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×