मध्य प्रदेश के विदिशा स्थित खेरुआ गांव के 30 लोगों ने हरिद्वार के कुंभ मेले के लिए अपनी 12 दिन की तीर्थयात्रा की शुरुआत की. जल्द ही पड़ोसी गांवों के तीस अन्य लोग भी उनके साथ हो लिए. ये लोग दो दिन की, विदिशा से हरिद्वार तक 900 किलोमीटर की बस यात्रा पर थे.
इसी बीच इनमें से एक को स्थानीय प्रशासन का फोन आया, जिसने बाकी यात्रियों की चिंता बढ़ा दी. इस बारे में एक सह-यात्री ने क्विंट को बताया,
‘’गांव के एक सह-यात्री को स्थानीय प्रशासन का फोन आया. उसकी पत्नी COVID पॉजिटिव थी, और प्रशासन ने यह पता करने के लिए फोन किया था कि उसकी पत्नी क्वारंटीन नियमों का पालन कर रही है या नहीं. उसने उन्हें बताया कि उसकी पत्नी घर पर क्वारंटीन में है और वह उसके बिना हरिद्वार की यात्रा कर रहा है.’’कमल रघुवंशी, उसी बस में यात्रा कर रहे तीर्थयात्री
11 और 12 मार्च को होने वाले पहले और दूसरे शाही स्नान के लिए तीर्थयात्री समय पर कुंभ में पहुंचे. जिसे कॉल किया गया था उसके लिए सब कुछ ठीक लग रहा था, सिवाए इस बात के कि पति झूठ बोल रहा था. उसकी COVID पॉजिटिव पत्नी उसी बस में उसके साथ सफर कर रही थी.
‘’फोन कॉल के बारे में हममें से कुछ ने सुना था, हमने उससे इसके बारे में पूछा. उसने कहा कि उसकी पत्नी पहले (COVID) पॉजिटिव पाई गई थी और अब वह ठीक हो गई है.’’कमल रघुवंशी, उसी बस में यात्रा कर रहे तीर्थयात्री
श्रद्धालु पहले और दूसरे शाही स्नान के दौरान कुंभ में थे जो 11 और 12 मार्च को निर्धारित थे. शाही स्नान के दौरान लाखों लोगों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर पहले शाही स्नान में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.
‘’कुंभ में हमारा समय सहज था. हम वहां की व्यवस्थाओं से प्रभावित थे. कुंभ में COVID केसों के लिए कोई चेकिंग नहीं थी.’’कृष्ण गोपाल शर्मा, खेरुआ से तीर्थयात्री
कुंभ के बाद, विदिशा के श्रद्धालु नैना देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए आगे बढ़े. इस सबके के बाद, 24 मार्च को उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी किया कि कुंभ मेले में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं को अपनी COVID नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट लानी होगी, जो 72 घंटे से पुरानी न हो.
‘’हमने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर COVID टेस्ट कराया, लेकिन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव थी, जिसमें वो महिला भी शामिल थी, जो पहले COVID पॉजिटिव पाई गई थी.’’कमल रघुवंशी
पहाड़ी तीर्थयात्रा के बाद ग्रुप के कुछ सदस्य बीमार पड़ने लगे. वे 20 मार्च को घर लौटे.
‘’कुछ दिनों बाद, मुझे पता चला कि पास के गांव के सह-यात्रियों में से एक, जो बस में COVID पॉजिटिव महिला के पास बैठा था, पॉजिटिव पाया गया. हमारे गांव के कुछ लोग भी बीमार पड़ रहे थे.’’कमल रघुवंशी, उसी बस में यात्रा कर रहे तीर्थयात्री
कमल की ओर से स्थानीय प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद, विदिशा जिला अस्पताल ने COVID टेस्ट के लिए गांव में एक टीम भेजी.
‘’शुरू में लगभग 18 लोग पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद, 7-8 और लोग पॉजिटिव पाए गए.’’कमल रघुवंशी
ये सिर्फ कुंभ से लौटे लोग नहीं थे, दूसरे ग्रामीण भी अब तक संक्रमित हो गए थे.
‘’कुंभ में जाने वाले ग्रुप से न होने के बावजूद, मैं और मेरी माँ COVID पॉजिटिव हैं. मैं यह नहीं बता सकता है कि मैं कहां इस वायरस की चपेट में आया.’’वृंदावन प्रसाद, खेरुआ निवासी
इस बात की काफी आशंका है कि पहले से कोरोना वायरस के भारी कहर का सामना कर रहे भारत में कुंभ से लौटे ऐसे यात्रियों की वजह से COVID-19 के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं. 10 से 14 अप्रैल के बीच कुंभ से 2000 से ज्यादा नए मामले सामने आए थे.
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