देश में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के आंकड़े रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन की भारी किल्लत से हाल-बेहाल है. अस्पतालों को कभी सरकारों से ऑक्सीजन के लिए गुहार लगनी पड़ रही है तो कभी कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. 24 अप्रैल को भी दिल्ली हाई कोर्ट में ऐसा ही एक केस आया. दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि 'अगर किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई रोकी तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं.'
अस्पताल ने गंभीर कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी से संबंधित याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट से कहा कि अगर राजधानी को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नहीं मिली तो व्यवस्था 'धराशायी' हो जाएगी.
इस पर कोर्ट ने केंद्र से पूछा, “दिल्ली की 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कहां है? आपने 21 अप्रैल को आश्वासन दिया था कि हर दिन दिल्ली को इतनी ऑक्सीजन मिलेगी.”
'अड़चन पैदा की तो लटका देंगे': कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन का कोई अधिकारी ऑक्सीजन की सप्लाई में अड़चन पैदा कर रहा है तो ‘हम उस व्यक्ति को लटका देंगे.”
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच की ओर से यह टिप्पणी महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आई. अस्पताल ने गंभीर रूप से बीमार COVID मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाई कोर्ट का रुख किया है.
'कुछ विनाशकारी हो सकता है'
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि पिछले 24 घंटे में वो देख चुकी है कि अगर ऑक्सीजन नहीं मिली तो कुछ 'विनाशकारी' हो सकता है.
दिल्ली में कई अस्पताल लगातार ऑक्सीजन की कमी को लेकर गुहार लगा रहे हैं. रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में 23 अप्रैल की रात लो प्रेशर ऑक्सीजन से 20 मरीजों की मौत हो गई. एक दिन पहले सर गंगाराम अस्पताल में 25 बहुत बीमार मरीजों की जान चली गई थी.
दिल्ली सरकार ने कहा, “हमें 23 अप्रैल को सिर्फ 297 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन मिली.” केजरीवाल सरकार ने केंद्र से ऑक्सीजन आवंटन और सप्लाई शेड्यूल पर एक विस्तृत हलफनामे की मांग की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि ऑक्सीजन सप्लाई कौन रोक रहा है, इसका एक उदाहरण दीजिए. कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वो केंद्र को स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के नाम बताए, जिनसे कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
केंद्र ने क्या कहा?
केंद्र पहले कह चुका है कि राज्य टैंकर से लेकर सब चीजों की व्यवस्था कर रहे हैं और हम सिर्फ उनकी मदद कर रहे हैं. केंद्र ने कहा था, "लेकिन दिल्ली में सब कुछ हम पर डाल दिया जाता है."
24 अप्रैल को दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि केंद्र ऑक्सीजन आवंटन पर गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मैं अपनी जिम्मेदारी जानता हूं. मुझे बहुत चीजें पता हैं लेकिन कह नहीं रहा हूं."
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