भारत में अब कोरोनावायरस (coronavirus) के आंकड़े कम हो रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 34,703 नए कोविड मामले सामने आए हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स और डॉक्टर कोरोना की तीसरी वेव (covid third wave) को लेकर चिंता में हैं. इसे रोकने के लिए देश को अपनी बड़ी आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट करना होगा. एक रिपोर्ट का अनुमान है कि तीसरी वेव से बचने के लिए कम से कम 60 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन (corona vaccination) जरूरी है. लेकिन क्या भारत ऐसा कर पाएगा? क्या इतनी वैक्सीन हैं?
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी वेव से बचने के लिए भारत को अपनी 130 करोड़ आबादी के कम से कम 60 फीसदी हिस्से को वैक्सीन देनी होगी. मतलब कि करीब 78-80 करोड़ लोगों को दिसंबर 2021 तक वैक्सीन की दोनों डोज देनी पड़ेगी.
इसके लिए देश में हर दिन कम से कम 86 लाख कोविड वैक्सीन डोज दी जानी चाहिए. तभी दिसंबर तक ये लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है? अभी के वैक्सीनेशन आंकड़े क्या कहते हैं?
अभी टारगेट से लगभग आधा वैक्सीनेशन हो रहा
NDTV की रिपोर्ट कहती है कि लगभग एक हफ्ते से देश में औसत 40 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही हैं. मतलब कि 86 लाख के टारगेट से 46 लाख कम.
5 जुलाई को जहां 45 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई, तो उससे एक दिन पहले 4 जुलाई को ये आंकड़ा महज 14 लाख था.
ये भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि हर दिन अगर टारगेट से कम वैक्सीनेशन होता है तो इसे हासिल करने में और समय लग सकता है.
अभी तक देश में 35 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी गई हैं. इसमें दोनों डोज पा चुके लोगों की तादाद सिर्फ 6.48 करोड़ है. तीसरी वेव से बचने के लिए 80 करोड़ लोगों को दोनों डोज देनी पड़ेगी. भारत के लिए ये लक्ष्य पहाड़ जैसा है.
ऊपर से कई राज्य फिर से वैक्सीन कमी की शिकायत भी कर रहे हैं. हालांकि, केंद्र ने मॉडर्ना को मंजूरी दे दी है और Sputnik V पहले ही देश में आ चुकी है, लेकिन अभी भी वैक्सीनेशन का पूरा दारोमदार Covishield और Covaxin पर ही है.
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