कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने को लेकर दुनियाभर के देशों में रेस लगी है. वहीं रूस पहला ऐसा देश है जहां पर कोरोना वैक्सीन लगभग पूरी तरह तैयार है और उसने अन्य देशों के साथ भी इसे लेकर डील साइन कर ली है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि भारत जहां रोजाना करीब एक लाख के आसपास केस आ रहे हैं, वहां वैक्सीन कब तक उपलब्ध होगी. इस सवाल का जवाब दिया है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने, उन्होंने कहा है कि अगले साल की शुरुआत में भारत को वैक्सीन मिल जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का ये बयान तब आया है जब भारत ने हाल ही में 50 लाख कोरोना मामलों का आंकड़ा पार किया है. साथ ही भारत अब अमेरिका के बाद दुनिया का ऐसा दूसरा देश बन चुका है, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. ऐसे में यहां वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,
“दूसरे देशों की तरह भारत भी लगातार कोशिश कर रहा है. कोरोना की तीन वैक्सीन अलग-अलग ट्रायल फेज में हैं. पीएम मोदी की गाइडलाइन में एक एक्सपर्ट ग्रुप इस पूरे प्रोसेस पर नजर बनाए हुए है और एडवांस प्लानिंग भी की जा रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में ही भारत में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होगी.”
भारत में चल रहे वैक्सीन के ट्रायल
भारत में जाइडस कैडिला और बायोटेक दो अलग-अलग वैक्सीन के ट्रायल पर काम कर रहे हैं. जिनका फेज-1 ट्रायल पूरा हो चुका है. इसके अलावा ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर लगी रोक को भी हटा दिया गया है, इंडियन ड्रग कंट्रोलर की तरफ से मिली हरी झंडी के बाद एक बार फिर इसके ट्रायल शुरू किए जा रहे हैं.
वहीं रूस ने अपनी वैक्सीन Sputnik-V को लेकर एक भारतीय फार्मासुटिकल कंपनी से डील की है. इस डील के तहत रूसी डायरेक्टर इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) भारत की कंपनी डॉ. रेड्डीज को इस वैक्सीन के 10 करोड़ डोज की डिलीवरी करेगा. जिसमें बताया गया है कि अगर सब ठीक रहता है तो इस साल के आखिरी महीने तक ये डिलीवरी हो सकती है. यानी दिसंबर के महीने तक भी वैक्सीन भारत पहुंच सकती है.
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