सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को एक एक्सपर्ट पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई गई वैक्सीन Covovax को 7 से 11 साल उम्र के बच्चों के लिए इमरजेंसी यूज में लेने की सिफारिश की है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) अंतिम मंजूरी देने से पहले इस सिफारिश की समीक्षा करेगा. सूत्रों के मुताबिक एक्सपर्ट कमेटी ने इस मामले पर विचार-विमर्श किया और छोटे बच्चों में उपयोग के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) के लिए सिफारिश की.
SII द्वारा मार्च में बच्चों से संबंधित स्टडी के ट्रायल डेटा को प्रस्तुत करने के बाद, पिछले कुछ महीनों से डेटा समीक्षा की प्रक्रिया जारी थी.
Covovax अमेरिकी प्रमुख Novovax की प्रोटीन वैक्सीन है, जिसे पहले से ही 12-17 वर्ष की उम्र के बच्चों के साथ-साथ वयस्कों में उपयोग के लिए DCGI की अनुमति प्राप्त है. सरकार ने वयस्कों के वैक्सीनेशन के लिए बायोलॉजिकल-ई के वैक्सीन Corbevax की खरीद की है. भारत बायोटेक के Covaxin को भी 12-17 साल के बच्चों के लिए इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है.
एक्सपर्ट पैनल ने अप्रैल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए Corbevax के इस्तेमाल की सिफारिश की थी, जबकि इसने 2-11 साल की श्रेणी में बच्चों के लिए भारत बायोटेक से अधिक डेटा मांगा था.
भारत ने जनवरी से 15-18 वर्ष के युवाओं का वैक्सीनेशन शुरू किया और मार्च में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शामिल करने के अभियान को आगे बढ़ाया.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत का कुल वैक्सीनेशन कवरेज 196.94 करोड़ (1,96,94,40,932) से अधिक हो चुका है, जिसमें से 3.62 करोड़ से अधिक फर्स्ट डोज 12-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगी हैं.
भारत में बच्चों का वैक्सीनेशन
नेशनल ड्रग्स कंट्रोलर ने 26 अप्रैल 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन को मंजूरी दी थी, जिसके बाद बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन Corbevax बच्चों में लगाई जानी शुरू हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक देश भर में बच्चों को CORBEVAX 51.7 मिलियन डोज दी जा चुकी है.
इसके अलावा ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 6-12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के Covaxin को इमरजेंसी उपयोग के लिए अप्रूव किया.
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