गाय को लेकर भारतीय राजनीति में तमाम बयानबजी और तथ्यों के बाद परीक्षा की तैयारी हो रही थी. लेकिन अब इस परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. सरकार ने गो विज्ञान का अलग विषय बनाया था और कहा था कि इस विषय पर ‘गो-विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा’ आयोजित होगी. इसे लेकर अब राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने बताया है कि फिलहाल परीक्षा को टाल दिया गया है. इसके लिए कोई दूसरी तारीख तय नहीं हुई है. पहले ये परीक्षा 25 फरवरी को आयोजित होनी थी.
कामधेनु आयोग ने नहीं बताई कोई वजह
अब इस परीक्षा को स्थगित किए जाने को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन टाले जाने के ऐलान से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथरिया ने अपना पद छोड़ा. उन्होंने 20 फरवरी को इस पद पर अपना दो साल का कार्यकाल पूरा किया.
बता दें कि पूरे देशभर में इस परीक्षा को आयोजित करने का ऐलान किया गया था, इस एग्जाम के लिए सरकार ने सिलेबस भी जारी किया था. हर साल इस परीक्षा को आयोजित कराने की बात हुई थी. इसमें देसी गायों के बारे में छात्रों और नागरिकों में जागरुकता पैदा करने के लिए इसे आयोजित करने का फैसला किया गया.
कामधेनु आयोग की स्थापना केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में की थी. इसका उद्देश्य गायों के संरक्षण और उनके हितों के लिए काम करना है. ये भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन आता है.
2 साल के लिए नियुक्त हुए थे सदस्य
वल्लभभाई कथरिया राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पहले चेयरमैन बनाए गए थे. उनके अलावा सुनील मनसिंघका और हुकुम चंद सावला को नॉन ऑफिशियल मेंबर बनाया गया था. इन सभी का कार्यकाल 2 साल का था, जो अब खत्म हो चुका है. चेयरमैन कथरिया ने 3 जनवरी को गौ विज्ञान परीक्षा का ऐलान किया था और कहा था कि गाय पूर तरह से साइंस से भरी हुई है. उन्होंने इकनॉमी में गाय के योगदान को लेकर भी बयान दिया था.
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