झारखंड में दो दूध विक्रेताओं को दो-दो बार गोरक्षकों की ज्यादती का शिकार होना पड़ा. पिटाई करने के बाद गोरक्षकों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया.
सत्येंद्र पांडे और उनके एक साथी बिहार के बक्सर से कोलकाता के दमदम मवेशी लेकर जा रहे थे. दमदम में सत्येंद्र का डेयरी का कारोबार है. दोनों के पास सभी तरह के डॉक्यूमेंट भी मौजूद थे.
जमशेदपुर में पहला हमला..
30 अगस्त को जमशेदपुर के दिम्मा चौक इलाके में गोरक्षकों ने उन्हें रोक लिया. दोनों की जमकर पिटाई की गई. इसके बाद उन्हें ओलिडीह पुलिस स्टेशन ले जाया गया. यहां दोनों ने मवेशी और दूध के कारोबार से जुड़े सभी कागजात दिखाए. मामले में 20 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया. ओलिडीह पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इंचार्ज चंद्रशेखर कुमार के मुताबिक,
‘’20 लोगों के खिलाफ हमने मामला दर्ज किया. इसमें कुछ लोग खुद को गोरक्षक बुला रहे थे. हालांकि अभी इन लोगों की गिरफ्तारी होना बाकी है.’’चंद्रशेखर कुमार
इस बीच दोनों के ट्रक और जानवर ओलिडीह पुलिस स्टेशन में रहे. तब सत्येंद्र को कोर्ट से ट्रक और मवेशी वापस पाने के लिए ऑर्डर लाना पड़ा. शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें मवेशी और ट्रक वापस सौंप दिए.
शुक्रवार को जब सत्येंद्र अपने मवेशियों के साथ लौट रहे थे, तभी उन पर एक दूसरे गोरक्षक दल ने हमला कर दिया. मारपीट करने के बाद उन्हें इस बार उन्हें सिधगोरा पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
सिधगोरा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज मनोज ठाकुर के मुताबिक, ‘दोनों ने अपने कानूनी दूध कारोबारी होने के डॉक्यूमेंट दिखाए. इसके बाद जैसे ही उनका रिलीजिंग ऑर्डर आया, हमने उन्हें जाने दिया.’
बता दें देश के अलग-अलग हिस्सों में गोरक्षकों की हिंसा की खबरे लगातार पिछले कुछ सालों से आ रही हैं. कई बार तो मवेशी व्यापारियों और किसानों को जान गंवानी पड़ी है. अलवर में हुई पहलू खान की हत्या इसी तरह का मामला था.
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