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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का चौथा नोटिस,अब CPM ने दिया

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नया नोटिस

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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले बढ़ते जा रहे हैं. अब लेफ्ट पार्टियों के सबसे बड़े दल सीपीएम ने नोटिस लोकसभा महासचिव को दिया है.

सबसे पहले आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. एनडीए से अलग हुई टीडीपी ने भी इसका समर्थन का ऐलान किया था. इसके बाद कांग्रेस ने भी इसी तरह का नोटिस दिया है. लेकिन लोकसभा में हंगामे की वजह से अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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लोकसभा में सीपीएम संसदीय दल के नेता पी करुणाकरन की ओर से लोकसभा महासचिव को सोमवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है. लोकसभा की कार्यवाही संचालन की प्रक्रिया नियम 198 बी के तहत भेजे गये नोटिस में महासचिव से अविश्वास प्रस्ताव को सदन की 27 मार्च की संशोधित कार्यसूची में शामिल की मांग की है.

पार्टी के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया कि उनके दल ने चार प्रमुख मुद्दों के हवाले से मोदी सरकार के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

  1. देश और जनता की आर्थिक आजादी पर हो रहे हमले
  2. महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ दमनकारी गतिविधियों के कारण देश के सामाजिक तानेबाने पर खतरा
  3. लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को तहस-नहस करना
  4. देश की विदेश नीति को कमजोर करना

इससे पहले कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे चुके हैं.

लोकसभा में सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है इसलिए अविश्वास प्रस्ताव से सरकार के गिरने के आसार नहीं है. लेकिन इसके जरिए विपक्ष एनडीए गठबंधन के अंदर चल रही उठा-पटक को सामने लाना चाहता है.

टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटेगरी में रखने और पैकेज नहीं देने का आरोप लगाते हुए कुछ दिन पहले ही एनडीए से बाहर होने का ऐलान कर दिया है.

वैसे लोकसभा में बीजेपी के पास 274 सदस्य हैं, एनडीए गठबंधन के पास 300 से ज्यादा सांसद हैं.

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