ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिटकॉइन बैन की आशंका के बीच निवेशकों के लिए सरकार की तरफ से संकेत

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर के बयानों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या संकेत मिल रहे हैं?

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

केंद्र सरकार जल्द ही बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक कानून लाने जा रही है. सरकार अभी इस विषय में एक नजरिया बनाने की प्रक्रिया में है. लेकिन केंद्र कुछ संकेत दे रहा है, जिससे संभावना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन शायद ही लगे. मतलब कि निवेशकों के लिए अच्छी खबर आ सकती है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने 6 मार्च को क्रिप्टोकरेंसी पर कहा कि 'हमें नए आइडिया को खुले दिमाग से बढ़ावा देना चाहिए.'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ठाकुर ने पिछले महीने 9 फरवरी को राज्यसभा में कहा था कि 'सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नया कानून लाने जा रही है क्योंकि मौजूदा कानून इनसे जुड़े मुद्दों से डील करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.'

लेकिन, 6 मार्च को अनुराग ठाकुर ने संकेत दिए कि सरकार शायद क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर बहुत ज्यादा सख्ती नहीं दिखाएगी. ठाकुर ने कहा, "मैं मानता हूं कि नए आइडिया का खुले दिमाग से आकलन और बढ़ावा मिलना चाहिए."

“ब्लॉकचेन एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है. क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी है. एक उच्च-स्तरीय इंटर-मिनिस्टीरियल कमेटी बनाई जा चुकी है. सरकार इस कमेटी के सुझावों पर फैसला लेगी.” 
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री

नए बयान से क्या संकेत मिलते हैं?

अनुराग ठाकुर के 9 फरवरी और 6 मार्च के बयानों की तुलना की जाए तो ऐसा लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के नजरिये में कुछ बदलाव आया है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की करेंसी कहा जाता है. ऐसे में सरकार शायद टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट के मामले में पिछड़ना नहीं चाहती है.

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. हालांकि, दास का कहना है कि 'RBI टेक्नोलॉजिकल रिवॉल्यूशन के मामले में पिछड़ना नहीं चाहता है.'

“हम अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं. ये क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों का इस्तेमाल करने की जरूरत है.” 
शक्तिकांत दास

RBI का नजरिया केंद्र सरकार की लाइन पर ही दिखता है. दोनों ने ही पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की वकालत नहीं की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वित्त मंत्री का भी सकारात्मक इशारा!

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान RBI गवर्नर और अनुराग ठाकुर से एक कदम आगे का दिखता है. सीतारमण ने कहा है कि 'केंद्र शायद डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन न लगाए.' सीतारमण ने भी नई टेक्नोलॉजी के साथ एक्सपेरिमेंट पर जोर दिया और कहा कि 'केंद्र इस पर खुला दिमाग रखेगा.'

“क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला RBI और कैबिनेट के बीच बातचीत के बाद लिया जाएगा. RBI इस बात का फैसला लेगा कि किस अनौपचारिक क्रिप्टोकरेंसी को प्लान करना है और इसे कैसे रेगुलेट करना है.” 
निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा, "हालांकि, हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी तरह के एक्सपेरिमेंट के लिए मौका खुला रहे." वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र का फैसला 'कैलिब्रेटेड' होगा. सीतारमण ने कहा है कि 'केंद्र नई टेक्नोलॉजी के विरोध में नहीं है.'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

निवेशकों के लिए अच्छी खबर?

क्विंट ने हाल ही में जेबपे के पूर्व CEO और एंजल इन्वेस्टर अजित खुराना से बिटकॉइन पर संभावित बैन को लेकर बातचीत की थी. खुराना ने कहा था कि सरकार की डिजिटल करेंसी को लेकर चिंता सही है, लेकिन इसका समाधान पूर्ण प्रतिबंध नहीं है.

अजित खुराना ने कहा, "सरकारी नियंत्रण की कमी के बावजूद सरकार आसानी से जरूरत के समय पैन कार्ड और आधार की सहायता से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन्स को ट्रैक कर सकती है."

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंश और मशीन लर्निंग की तरह ही भविष्य के तौर पर दिखती है. 30 वर्ष पहले जैसे इंटरनेट नया था उसी तरह अभी क्रिप्टो टेक्नोलॉजी तुलनात्मक तौर पर नई है. IT कंपनियों को सही सहायता से हम इंफोसिस, TCS जैसी अग्रणी कंपनियां खड़ी कर पाए हैं. अगर हम चाहे तो बिटकॉइन के मामले में भी ऐसा कमाल हो सकता है. हर कंपनी, छोटा से छोटा प्लैटफार्म रोजगार सृजन में अहम हो सकता है. हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए.” 
अजित खुराना

खुराना ने कहा, "वर्तमान में भी बिटकॉइन में निवेश की सुविधा देने वाले सारे प्लेटफार्म निवेशकों से KYC जानकारी मांगते हैं. ऐसे एक्सचेंजेस के लिए सरकार गाइडलाइन्स बना सकती है. इस सिस्टम के अच्छे इस्तेमाल से काफी चिंताओं से बचा जा सकता है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×