ADVERTISEMENTREMOVE AD

कश्मीर के कई इलाकों में फिर बढ़ीं पाबंदियां, हिंसा की आशंका

मुहर्रम से ठीक पहले कश्मीर के कई इलाकों में पाबंदियां

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हालात कुछ सुधर रहे थे, लेकिन अब एक बार फिर कई इलाकों में फिर से पाबंदियां लगाने की खबर सामने आई है. मोहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए श्रीनगर सहित कश्मीर के कई हिस्सों में एक बार फिर पाबंदियां लगाई गई हैं. बताया जा रहा है कि प्रशासन को हिंसा भड़कने और हमले की आशंका है. इसके चलते फिर से आवाजाही पर लगभग पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है.

जानकारी के मुताबिक लाल चौक के आस-पास के इलाकों के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. पहले की ही तरह फिर से इन रास्तों को तारबंदी कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात पाबंदियां लगाई गई हैं. कुछ इलाकों में सोमवार सुबह कुछ ढ़ील देने की भी खबरें सामने आईं हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बैरिकेड नहीं कर सकते पार

अब घाटी के कई इलाकों में पाबंदी लगने के बाद किसी को भी बैरिकेडिंग पार करने की इजाजत नहीं है. जिन रास्तों पर तारबंदी की गई है, उनमें किसी को भी चलने की इजाजत नहीं है. बताया गया है कि सिर्फ मेडिकल इमरेजेंसी की स्थिति में लोगों को बैरिकेड पार कर जाने की अनुमति दी जा रही है. इससे पहले अधिकारियों की तरफ से पास जारी कर बैरिकेड पार किए जा सकते थे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने कर्फ्यू पास पर भी जाने की इजाजत नहीं दी है.

जहां एक तरफ कश्मीर में हालात सुधरने की बात की जा रही थी, वहीं अब रविवार से घाटी के लोगों को एक बार फिर वही परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. कुछ दिनों के लिए हटाई गई पाबंदियों ने एक बार फिर कश्मीरियों के पैर बांध लिए हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बता दें कि आर्टिकल 370 को हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र की घोषणा के बाद कश्मीर में पहली बार 5 अगस्त को पाबंदियां लगाई गई थीं. हालांकि समय बीतने के साथ स्थिति में हुए सुधार को देखते हुये घाटी के कई हिस्सों से पाबंदियों को हटा लिया गया था. पिछले 35 दिनों से घाटी में चल रहे बंद के कारण रविवार को भी कश्मीर में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×