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‘फानी’ से जगन्नाथ मंदिर को भी नुकसान, कई राज्य मदद को आगे आए

ओडिशा सीएम ने रविवार को चक्रवात प्रभावित लोगों के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है.

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ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में दो दिन पहले आए चक्रवात तूफान फानी से भारी तबाही हुई है. इस तूफान से बारहवीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है. पुरी जिले में 21 लोगों की जान लेने वाले विनाशकारी चक्रवात का असर मंदिर के मेन एंट्री गेट ‘सिंह द्वार’ पर देखा जा सकता है.

सिंह द्वार को स्थानीय लोग ‘जय-विजय द्वार’ भी कहते हैं. इस द्वार पर भी फानी का असर पड़ा है. इस द्वार पर जय और विजय की मूर्तियां थीं. जय की मूर्ति नष्ट हो गई है. विजय की मूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है. मंदिर में खड़ा एक ‘कल्प वट’ (बरगद का बड़ा पेड़) भी चक्रवात के चलते टूट गया. श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए इस वृक्ष पर धागा बांधा करते थे.

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प्रभावित लोगों के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रभावित जिला कलेक्टरों को 15 दिनों के लिए चक्रवात शेल्टर होम्स पर ठहरने लेने वाले लोगों को खाना देने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने रविवार को चक्रवात प्रभावित लोगों के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान भी किया है.

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले सभी परिवारों को 50 किलोग्राम चावल, 2,000 रुपये और पॉलीथिन शीट मिलेगी.
  • खुर्दा जिले के गंभीर रूप से प्रभावित हुए कुछ हिस्सों के लिए खाद्य सुरक्षा के तहत कवर किए गए सभी परिवारों को एक महीने का अतिरिक्त कोटा, 1,000 रुपये और पॉलीथिन शीट उपलब्ध कराई जाएगी.
  • कटक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे जिलों में जहां लोग कम प्रभावित हुए हैं, वहां परिवारों को एक महीने का अतिरिक्त चावल और 500 रुपये मिलेंगे.
  • सभी प्रभावित जिलों में, लोगों को राहत कोड के अनुसार एक महीने की अतिरिक्त पेंशन और गृह निर्माण सहायता मिलेगी.
  • क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के लिए 95,100 रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के लिए 5,200 रुपये और मामूली नुकसान के लिए 3,200 रुपये दिए जाएंगे.
  • आवास योजना के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा.
  • कृषि, बागवानी फसलों और पशु संसाधनों की हानि, मत्स्य पालन का आकलन किया जाएगा और तदनुसार मुआवजा दिया जाएगा.
  • राहत और बहाली का काम खत्म होने के बाद नए पेड़ लगाने ती योजना को प्रमुख रूप से संज्ञान में लिया जाएगा.

राज्य सरकारों ने मदद का ऐलान किया

तूफान फानी में मरने वालों की संख्या रविवार को 29 पर पहुंच गई. इस तूफान के चलते बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई है और सैकड़ों लोगों को पानी-बिजली के अभाव से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में फानी से तबाही के बाद ओडिशा में राहत और पुनर्वास के लिए उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों की सरकारों ने आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया
  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 करोड़ की मदद करने का ऐलान किया
  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 10 करोड़ की सहायत राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए देगी
  • गुजरात सरकार ने ओडिशा को पांच करोड़ की सहायता की पेशकश की
  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने 10 करोड़ रुपये जारी करने आदेश दिया

फानी के बाद ओडिशा में यातायात, विमान सेवा बहाल

चक्रवाती तूफान फानी के ओडिशा के तट पर आने के दो दिनों के बाद राज्य में सड़क और वायुमार्ग पर यातायात बहाल हो गया. कैंसिल की गईं 138 ट्रेनों में से 85 ट्रेनों की सेवाएं भी शुरू कर दी गईं. भुवनेश्वर जाने वाली मुख्य लाइन पर ट्रेन सेवा बहाल हो गई है, वहीं पुरी में चार से पांच दिनों में ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी. एयरपोर्ट को बहुत नुकसान होने के बावजूद शनिवार को भुवनेश्वर के लिए 41 उड़ानें बहाल हो गईं. मोबाइल सेवाएं आंशिक रूप से बहाल हो गई हैं.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने रविवार को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के फानी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो की समीक्षा की.

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मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा ओडिशा

ओडिशा के तट पर चक्रवात 'फानी' के आने बाद राज्य सरकार प्रभावित इलाकों में लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जद्दोजहद में लगी हुई है. एसआरसी बिशनुपाड़ा सेठी ने कहा कि राज्य में 30 लाख से ज्यादा बिजली ग्राहक प्रभावित हुए हैं.

ऊर्जा सचिव हेमंत शर्मा ने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात 'फानी' ने 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है. भुवनेश्वर में बिजली आपूर्ति में सामान्य स्थिति बहाल करने में कम से कम पांच से सात दिन लगेंगे."

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