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Nisarga: महाराष्ट्र CM की अपील, PM ने की ठाकरे-रूपाणी से बात 

आईएमडी ने सोमवार को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तट के लिए एक ‘येलो’ चेतावनी जारी की थी.

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अरब सागर के ऊपर बन रहा चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय जिलों में बुधवार को दस्तक दे सकता है. ये तूफान तेजी से तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है, आपदा को देखते हुए NDRF की 34 टीमों को इन दोनों राज्यों में तैनात कर दिया गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों सो दो दिन तक घर के अंदर रहने की अपील की है.

वहीं पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी और दमन दीव, दादरा और नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल के. पटेल से चक्रवात की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने केंद्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है.

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इस बीच मुंबई  में CrPC की धारा 144 के तहत समुद्र से लगते समुद्री तटों, सैरगाह, पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति या आवाजाही की अनुमति नहीं होगी. आदेश आज आधी रात से लेकर कल दोपहर 12 बजे तक लागू रहेगा.

NDRF की टीमें तैनात

जानमाल के नुकसान की आशंका को देखते हुए NDRF की टीमें इन राज्यों में मुस्तैद हैं. कुल 34 टीमें तैनात हैं.एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने कहा कि 34 टीमों में से 16 गुजरात में, 15 महाराष्ट्र में, दो दमन एवं दीव, और एक दादरा एवं नगर हवेली में तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर टीमों को अरब सागर से लगे तटीय जिलों में तैयान किया गया है.

महाराष्ट्र और गुजरात के अनुरोध पर एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं और वे अपराह्न् या शाम तक इन राज्यों में पहुंचने वाली हैं. एनडीआरएफ की एक टीम में 45 कर्मी होते हैं. एनडीआरएफ ने कुछ टीमों को बिल्कुल तैयार अवस्था में रखा हुआ है, जो चरम स्थिति में मदद मुहैया कराएंगी

तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं? हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आंधी-तूफान में आप अपना ध्यान कैसे रख सकते हैं.

चक्रवात के समय क्या न करें

  • तूफान आने से पहले इसे लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ती हैं और लोग बिना जांच-पड़ताल किए उन पर भरोसा कर लेते हैं. ऐसे में जल्दबाजी बिलकुल भी ना दिखाएं और हो सके तो इन अफवाहों को क्रॉस चेक जरूर कर लें.
  • मौसम की जानकारी के लिए व्हाट्सऐप या किसी अन्य सोशल साइट पर निर्भर ना रहें बल्कि रेडियो सुनें, टीवी देखें और अखबार पढ़ते रहें.
  • किसी भी तेज धार वाली चीज को बाहर खुला ना छोड़ें.
  • किसी भी तार को ना छुएं, उससे करंट लग सकता है.
  • अपने कार, स्कूटर या किसी भी गाड़ी को पेड़ के नीचे ना खड़ा करें. साथ ही इन्हें बेसमेंट एरिया में भी पार्क करने से बचें.
  • पेड़ के नीचे ना खड़े हों.
  • खुद को सुरक्षित रखने के लिए या तूफान के दौरान किसी पुरानी या टूटी हुई बिल्डिंग में ना जाएं.
  • अपने घर से तब तक बाहर ना निकलें, जब तक आपको इसे लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिल जाती.
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निसर्ग चक्रवात के समय क्या करें

  • कोई भी प्राकृतिक आपदा होने पर पानी की कमी हो सकती है इसलिए घरों की बाल्टी, बर्तनों में जरूरत के हिसाब से पहले से ही पानी भरकर रख लें.
  • तूफान आने पर अपने परिवार वालों और दोस्तों के संपर्क में बने रहें.
  • तूफान आए तो दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें और हमेशा घर के अंदर ही रहें.
  • अपने साथ हमेशा एक किट तैयार रखें, जिसमें फर्स्ट एड, टॉर्च, बैटरी वाला पोर्टेबल रेडियो, दवाइयां और आपके जरूरी डॉक्यूमेंट्स हों.
  • तूफान के रास्ते में आने वाली चीजों को पहले से ही हटा दें क्योंकि जब तूफान बहुत तेजी से आएगा तो अपने साथ सब कुछ उड़ाता चला जाएगा. साथ ही कई लोग उन चीजों के नीचे दब भी सकते हैं.
  • अपने मोबाइल फोन को हमेशा चार्ज रखें और लोगों को SMS के जरिए कॉन्टेक्ट करने की कोशिश करें.

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