चक्रवाती तूफान ताऊ ते (Tauktae) ने गुजरात के कुछ हिस्सों में भी तबाही मचाई है. देर रात गुजरात के तट से ये तूफान टकराया. बताया गया है कि जब तूफान तटों से टकराया तो इसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा से भी ज्यादा थी. हालांकि टकराने के बाद तूफान की रफ्तार कम हो गई. गुजरात में तटीय इलाकों में कई पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंबों को भी इस तेज तूफान ने गिरा दिया. ताऊ ते तूफान को लेकर सूरत एयरपोर्ट को 1 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है.
इसके अलावा मुंबई में इस तूफान की तबाही के बाद बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ओएनजीसी की बोट पर फंसे 273 लोगों में से अब तक 146 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि 127 लोग अब तक लापता हैं.
गांधीनगर-अहमदाबाद में अलर्ट
अब ताकतवर ताऊ ते तूफान दीव, भावनगर और अमरेली से आगे बढ़ रहा है. फिलहाल गांधीनगर और अहमदाबाद में हाई अलर्ट जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि इन शहरों में भी तेज हवाएं चल सकती हैं और नुकसान की आशंका है. मंगलवार 18 मई की सुबह गुजरात के जामनगर में तेज हवाएं चलनी शुरू हो चुकी हैं.
देर रात गुजरात के जिन प्रभावित इलाकों से तूफान टकराया, वहां पर बिजली के खंबे गिरने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है. गुजरात के सोमनाथ और आसपास के जिलों में सेना ने देर रात सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाया.
मुंबई-गोवा में दिखा असर
इससे पहले मुंबई में ताऊ ते का असर दिखा था. जहां करीब 300 से ज्यादा पेड़ तेज हवाओं के चलते गिर गए. साथ ही करीब 6 लोगों की मौत भी हुई. तूफान के चलते मुंबई और गोवा एयरपोर्ट भी कुछ घंटों के लिए बंद किए गए थे. इसके अलावा ये तूफान गोवा और कर्नाटक में भी अपना कहर दिखा चुका है. यहां भी कई सौ पेड़ गिरे और तटीय इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई.
भारतीय सेना की 180 टीमें तैनात
ताऊ ते की तबाही को देखते हुए भारतीय सेना की तरफ से भी तैयारियां की गई थीं. सेना की तरफ से बताया गया था कि, प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए कुल 180 टीमें तैनात की गई हैं. ये टीमें सभी प्रभावित राज्यों में तैनात की गई हैं. सेना की तरफ से कहा गया कि, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश दीव (दमन और दीव) सहित सौराष्ट्र में सबसे अधिक प्रभाव होने की संभावना है, इसलिए दीव में नागरिक प्राधिकरण को सहायता के लिए 10 टीमों को तैनात किया गया है. गुजरात से तूफान के टकराने के बाद से ही सेना की ये टीमें अपने काम में जुट गई हैं.
नेवी और एनडीआरएफ भी काम में जुटी
भारतीय सेना के साथ ही नौसेना भी बचाव कार्यों में जुटी है. बॉम्बे हाई एरिया में हीरा ऑयल फील्ड से दूर फंसे 273 कर्मियों के साथ एक बजरे (नौका) पी 305 की सहायता के लिए आईएनएस कोच्चि को स्थिति का आकलन करने और मदद करने के लिए तेजी से भेजा गया. आईएनएस तलवार और आईएनएस कोलकाता को भी रवाना होने के लिए तैयार किया गया. नौसेना के जहाज लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.
सेना के अलावा एनडीआरएफ की भी कई टीमें लगातार तूफान प्रभावित इलाकों में तैनात हैं और राहत बचाव कार्य में जुटी हैं. हालांकि तूफान से लोगों को ज्यादा नुकसान की खबरें फिलहाल नहीं हैं, लेकिन पेड़ गिरने से कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है. कई सड़कों पर यातायात भी प्रभावित हुआ, जहां एनडीआरएफ की टीम इन पेड़ों को हटाने का काम कर रही हैं.
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