प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों और दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक कर यास चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस बैठक में गृह मंत्री और दूसरे मंत्री भी शामिल होंगे.
इससे पहले कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शनिवार को एक बैठक में यास से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और देश के शीर्ष नौकरशाहों को COVID-19 मरीजों, अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बैठक में बताया कि चक्रवात के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और पड़ोसी उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंचने का अनुमान है और उस दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने, मूसलाधार बारिश होने और तटवर्ती जिलों में तूफान/आंधी चलने का अनुमान है.
बयान में बताया गया, ‘‘केंद्र और राज्य की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कदम समय पर उठाए जाएं ताकि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके.’’
इसके अलावा बयान में कहा गया,
- ‘‘गौबा ने चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से लोगों को जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, सभी नौकाओं/जहाजों की समय पर तट पर वापसी सुनिश्चित करने पर जोर दिया.’’
- ‘‘गौबा ने इस पर भी जोर दिया कि कोविड-19 के मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और कोविड अस्पतालों और केंद्रों में कोई बाधा ना आए, चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से ऑक्सीजन के उत्पादन और देशभर में उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.’’
- ‘‘सेना, नौसेना और तटरक्षक के राहत और बचाव दल, जहाज और विमानों की भी तैनाती की जाएगी.’’
राष्ट्रीय संकट मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बैठक में बताया कि उसने प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए कुल 85 टीमें तैयार की हैं. उनमें से 20 टीमें देश के कई शिविरों में मुस्तैद रहेंगी और जरूरत के अनुसार उनकी तैनाती की जाएगी.
इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया है कि राज्य सरकार ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए 66 ओडीआरएएफ, 22 एनडीआरएफ और 177 फायर सर्विस दल तैयार किए हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी व्यवस्था की गई है.
पश्चिम बंगाल सरकार भी चक्रवात यास के मद्देनजर एहतियाती कदम उठा रही है. शनिवार को राज्य सचिवालय में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री रवाना कर दी गई है और अधिकारियों को तटवर्ती और नदी क्षेत्रों के आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने को कहा गया है.
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