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दादरी कांड: सीबीआई जांच के सुझाव पर इतनी हाय-तौबा क्यों?

आखिर यूपी सरकार दादरी कांड की जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंपना चाहती?

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मंगलवार को लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दादरी कांड पर पहली बार बोला कि दादरी में हुई हिंसा की वजह सांप्रदायिकता या गोमांस नहीं है.

मैं दादरी कांड की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार हूं अगर राज्य सरकार केंद्र से इसकी सिफारिश करे
राजनाथ सिंह, गृहमंत्री

राजनाथ के बयान पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने फौरन जवाबी हमला करते हुए ये दावा किया कि दादरी में अखलाख की हत्या में 3 बीजेपी सदस्य शामिल हैं.

18 नवंबर को द क्विंट ने सबसे पहले ये रिपोर्ट किया था कि मोहम्मद अखलाख की हत्या आपसी रंजिश की वजह से की गई होगी न कि किसी सांप्रदायिक रंजिश की वजह से.

द क्विंट ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ऑफिस और वरिष्ठ समाजवादी नेता रामगोपाल यादव से भी इस सिलसिले में बात करनी चाही लेकिन किसी ने केस सीबीआई को सौंपे जाने पर कुछ कहने को तैयार नहीं थे.

गृहमंत्री ने राजनीतिक बयान दिया है. यूपी सरकार और पुलिस दादारी कांड की जांच करने में सक्षम है, हमें दादरी केस सीबीआई को सौंपने की जरुरत नहीं है
नरेश अग्रवाल, राज्यसभा सांसद और सपा नेता

सांसद नरेश अग्रवाल ये बताना नहीं भूले कि यूपी सरकार ने पीड़ित परिवार को 45 लाख रुपए और 4 फ्लैट दिए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि पीड़ित परिवार यूपी पुलिस की जांच से खुश है.

जैसा कि लोकसभा में नेता जी ने कहा है, यूपी पुलिस 3 बीजेपी सदस्यों की भूमिका की जांच कर रही है. अगर वो दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नरेश अग्रवाल, राज्यसभा सांसद और सपा नेता

पीड़ित परिवार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है और सपा के प्रवक्ता भी ये दावा कर रहे हैं कि यूपी पुलिस की जांच पारदर्शी और सही है.

राज्य सरकार दादरी कांड की जांच में जरुरी कदम उठा रही है, हमें जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए. फिलहाल हमारे पास सीबीआई जांच की मांग नहीं आई है. 
गौरव भाटिया, प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी

द क्विंट पहले ही इस केस में यूपी पुलिस की जांच की खामियों को अखलाख की मौत के वक्त एक चश्मदीद के जरिए उजागर कर चुका है जबकि पुलिस ने उसे अधिकारिक गवाह भी नहीं बनाया है और उसका बयान भी दर्ज नहीं किया है.

चश्मदीद के मुताबिक यूपी पुलिस ने जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से तीन बेकसूर हैं और 7 अन्य लोग जो इस कांड में शामिल थे उन्हें अबतक गिरफ्तार ही नहीं किया गया है.

यूपी पुलिस ने अभी तक अखलाख के बेटे दानिश का बयान भी दर्ज नहीं किया है. दानिश पर भी हमला हुआ था और फिलहाल वो अस्पताल से बाहर हैं और इस केस के मुख्य चश्मदीद है.

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