“दादरी मामले पर दूसरी फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आई, अखलाक के फ्रिज से बरामद मीट बीफ था” ये खबर आते ही टीवी पर प्राइम टाइम बहसों में दादरी कांड छाने लगा.
ये दूसरी रिपोर्ट यूपी पुलिस द्वारा मथुरा लैब में करवाई गई पहली जांच की रिपोर्ट को गलत ठहराती है. उस रिपोर्ट में बताया गया था कि घटनास्थल से बरामद मांस का टुकड़ा बकरे का मांस था. हमलावरों द्वारा घायल हुई अखलाक की 18 साल की बेटी शाइस्ता ने भी इसे बकरे का मांस ही बताया था.
यूपी पुलिस ने तब हत्या के कारणों का पता लगाने का हवाला देकर इस जांच को जरूरी बताया था.
क्या है, जो समझ नहीं आता?
इस रिपोर्ट के बारे में पहली बात यह है कि इस जांच का आदेश किसने जारी किया? दूसरी बात ये है कि अखलाक के घर से मिले अहम सबूतों को जांच के लिए किसने दिया? एक अन्य बात यह कि इस रिपोर्ट को इस वक्त क्यों रिलीज किया जा रहा है?
बचाव पक्ष के वकील ने जारी की रिपोर्ट
कुछ खास पत्रकारों तक पहुंची इस रिपोर्ट को बचाव पक्ष के एक वकील ने जारी किया है. रिपोर्ट का जरिया पूछने पर वकील ने The Times of India को बताया है कि ये रिपोर्ट कोर्ट से ली गई है.
गाय के मृत शरीर से लिया गया था सैंपल
रिपोर्ट में बीफ घोषित किए गए मांस के टुकड़े को अखलाक के घर से लिया गया बताया जा रहा है. लेकिन इस टुकड़े को मोहम्मद अखलाक के घर के पास पड़े गाय या बछड़े के मृत शरीर से लिया गया था.
गोमांस के इस टुकड़े को ही अखलाख के गांव में हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसके बाद सैकड़ों लोगों ने अखलाक के घर के दरवाजे तोड़कर, घर से खींचकर उसके पलंग के नीचे रखी ईंट से उसे मौत के घाट उतार दिया. उसकी बूढ़ी मां की आंखों में नीले निशान दे दिए. 18 साल की बेटी को बेरहमी से मारने के साथ ही अखलाक के बेटे को भी मौत के करीब पहुंचा दिया.
मथुरा लैब की जांच रिपोर्ट में सामने आई बात पूरी तरह सही है कि मांस का ये टुकड़ा बीफ है, लेकिन तथ्य यह है कि ये टुकड़ा अखलाक के घर से नहीं लिया गया था.
रिपोर्ट आने में देरी और रिलीज के समय पर सवालिया निशान
मथुरा लैब की हाथ से लिखी गई जांच रिपोर्ट 8 महीने पुरानी है. लेकिन इसे अब जारी किया गया है. क्या इस रिपोर्ट को मीडिया को उन लोगों ने उपलब्ध कराई है, जो आगामी यूपी चुनावों में मतदाताओं को इस मुद्दे पर बांटना चाहती है?
क्या वोटों के बंटवारे का प्रयास सफल हुआ?
ये रिपोर्ट भ्रमित करने वाली साबित हुई है. लेकिन राजनेताओं के बयान बता रहे हैं कि इस रिपोर्ट के जारी होने का उद्देश्य पूरा हो गया है.
बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर बयान दिया है कि आरोपी बनाए गए सभी लोगों को बरी किया जाए (एक नाबालिग आरोपी भी शामिल) और इसके साथ अखलाक के परिवार को दिए गए सभी लाभों को वापस लिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने अखलाक के परिवार पर घर में गोमांस रखने पर कार्रवाई करने की मांग की है.
आरोपियों के परिवारवालों ने मांगा न्याय
इसी बीच, इस मामले में आरोपी बनाए गए विशाल राणा के पिता संजय राणा मोहम्मद अखलाक के परिवार पर गोहत्या करने का मुकद्दमा दर्ज करने का ऐलान किया है. संजय राणा स्थानीय बीजेपी नेता हैं. विशाल और उसके भाई शिवम को इस मामले में दर्ज चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश में गोमांस खाने पर प्रतिबंध नहीं लगा है. लेकिन गोहत्या पर प्रतिबंध है.
सीएम अखिलेश यादव अखलाक के परिवार के पक्ष में
यूपी सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा है कि अखलाक के घर में क्या मिला है, इससे फर्क नहीं पड़ता है और अखलाक के परिवार को न्याय मिलना चाहिए, क्योंकि ये एक हत्या थी.
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