दैनिक भास्कर ग्रुप (Dainik Bhaskar) पर छापेमारी के दो दिन बाद आयकर विभाग ने दावा किया है कि छापेमारी के दौरान 700 करोड़ रुपए की इनकम टैक्स चोरी की बात सामने आई है. आयकर विभाग ने आरोप लगाया कि भास्कर ग्रुप ने छह सालों में 700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की, 2,200 करोड़ रुपये के चक्रीय व्यापार में लिप्त रही और शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन किया.
इनकम टैक्स विभाग के बयान में दावा किया गया है कि भास्कर मीडिया ग्रुप ने अपने कुछ कर्मचारियों को शेयरधारकों और निदेशकों के रूप में नामित किया था, जिन्हें ऐसी कंपनियों के बारे में जानकारी नहीं थी.
बता दें कि 22 जुलाई 2021 को मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर के मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, नोएडा और अहमदाबाद सहित नौ शहरों में फैले 20 आवासीय और 12 व्यावसायिक परिसरों को कवर करते हुए दैनिक भास्कर समूह के कार्यालयों में तलाशी ली थी. भास्कर के दफ्तरों में हुई छापेमारी चर्चा में रही, संसद से लेकर विदेशी मीडिया तक में इसे उठाया गया. इस छापेमारी के बाद भास्कर ने कहा कि वो डरने वाले नहीं हैं, क्योंकि वो सच दिखाते हैं.
IT डिपार्टमेंट ने क्या कहा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, "छापेमारी के दौरान यह पता चला है कि वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां चला रहे थे. जिनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों की बुकिंग और धन को इधर से उधर करने के लिए हो रहा था."
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जारी बयान में कहा कि 22 जुलाई को भोपाल, इंदौर, दिल्ली, अहमदाबाद, नोएडा और कुछ अन्य शहरों में शुरू की गई तलाशी अभी जारी है. आगे की जांच प्रगति पर है. बता दें कि सीबीडीटी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए नीतियां तैयार करता है. हालांकि अपने बयान में भास्कर ग्रुप के नाम का जिक्र नहीं किया गया है. लेकिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों ने बयान में डीबी समूह से संबंधित विवरणों की पुष्टि की है, जिसमें मीडिया, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल, पावर में रुचि रखने वाले "6,000 करोड़ रुपये के प्रमुख समूह" का उल्लेख किया गया था.
भास्कर का दावा
इनकम टैक्स की रेड के बाद दैनिक भास्कर ने कहा कि भास्कर स्वतंत्र है, यहां पाठकों की मर्जी चलेगी. रेड के कुछ देर बाद भास्कर ने लिखा,
"कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है. भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है. विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची हैं और कार्रवाई जारी है."
वहीं गुरुवार को, दिव्य भास्कर गुजरात के संपादक देवेंद्र भटनागर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पहले, उन्होंने अलग-अलग तरीकों से दबाव बनाने की कोशिश की. पिछले ढाई महीने से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने (अखबार में) विज्ञापन देना बंद कर दिया है. यह उनकी मर्जी है, वे इसे रोक सकते हैं. इसके बावजूद जब भी सरकार ने कुछ अच्छा किया, हमने उसे प्रकाशित किया. और जब उन्होंने कुछ गलत किया तो हमने उसे भी प्रकाशित किया. ये छापे भास्कर द्वारा लगातार रिपोर्टिंग, गलतियां उजागर करने का इनाम हैं."
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