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एक साल में डेटा साइंटिस्ट की मांग में 32 फीसदी का इजाफा: रिपोर्ट

मल्टीनेशनल कंपनियों में होती है डेटा साइंटिस्ट की डिमांड

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डेटा एनालिसिस का काम दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. एसपी जैन स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट के मुताबिक पिछले एक साल में डेटा साइंटिस्ट की मांग में 32 फ़ीसदी का इज़ाफा हुआ है.

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इस क्षेत्र में बढ़ते रुझान पर बात करते हुए SP जैन स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट में डेटा साइंस प्रोग्राम्स में डॉयरेक्टर अभिजीत दासगुप्ता ने बताया,

“आज दुनिया औद्योगिक काल से आगे बढ़ चुकी है. अब हर चीज डेटा पर चलती है. डेटा साइंस आज नई इंजीनियरिंग है. ग्लॉसडोर के मुताबिक, अमेरिका में पिछले तीन सालों से डेटा साइंटिस्ट की नौकरी को नंबर एक बताया जा रहा है.’’
अभिजीत दासगुप्ता, डेटा साइंस प्रोग्राम्स डॉयरेक्टर

दासगुप्ता ने आगे बताया,‘’ यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक इस क्षेत्र में 2026 तक एक करोड़ 15 लाख नौकरियां पैदा होंगी. सिर्फ टेक्नोलॉजी में ही नहीं, हर क्षेत्र में आज इनकी मांग है. बल्कि पांच बड़ी तकनीकी कंपनियों गूगल, अमेजन, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक आज दुनिया की 52 फीसदी मार्केट कैपिटलाइजेशन करते हैं. इन्हीं लोगों को कर्मचारियों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.’’

क्या है डेटा एनालिसिस

कुछ कुछ खास पैटर्न को समझने के लिए आकंड़ों को तोड़ा जाता है, उस पूरी प्रक्रिया को डेटा एनालिसिस कहा जाता है. जैसे आपका रूझान खरीददारी में किस तरफ है. यह जानने के लिए कंपनियां आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री के डेटा का एनालिसिस करती हैं और आप तक ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पहुंचाती हैं.

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