डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि उत्तर प्रदेश और बिहार से तमिलनाडु आने वाले हिंदी भाषी निर्माण कार्य करते हैं या सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं. DMK सांसद की टिप्पणी की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और इसे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शेयर किया है, और उन्होंने डीएमके सांसद के खिलाफ नहीं बोलने के लिए दोनों राज्यों के इंडिया ब्लॉक नेताओं की आलोचना की है.
'ऐसे बयान से बचना चाहिए'
डीएमके सांसद मारन के बयान पर सियासत तेज हो गई है. इस पर बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सांसद के बयान की निंदा की और कहा कि इस तरह के बयान से दूसरे रॉज्यों के नेताओं को बचना चाहिये.
करुणानिधि की पार्टी डीएमके है.डीएमके सामाजिक न्याय में विश्वास करती है. अगर उस पार्टी के किसी नेता ने यूपी और बिहार के लोगों के बारे में कुछ कहा है तो यह निंदनीय है. हम इससे सहमत नहीं हैं. यूपी और बिहार के मजदूरों की मांग पूरे देश में है. अगर ऐसा कोई बयान सामने आया है तो हम उसकी निंदा करते हैं.तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, "अगर उन्होंने कहा होता कि एक खास समुदाय के लोग गटर साफ कर रहे हैं तो बात समझ में आती. एक खास समुदाय के लोग ही सफाई क्यों करें? लेकिन वह कह रहे हैं कि बिहार और यूपी के लोग गटर साफ करने आ रहे हैं, यह निंदनीय है. सभी दलों के नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. यह एक देश है. हम बिहार के लोग दूसरे क्षेत्र के लोगों का सम्मान करते हैं और यही अपेक्षा करते हैं. ऐसे बयान नहीं देने चाहिए थे."
BJP मारने के बयान पर हमलावर
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, "उनकी (दयानिधि मारन) मानसिक स्थिति खराब हो गई है. बिहारी एक अस्मिता है. मगध ने भारत को एक स्वर्णिम काल दिया है. INDI गठबंधन के लोगों को इसका जवाब देना चाहिए, नहीं तो नीतीश कुमार और लालू यादव को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए."
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "पूरा देश अहंकारी लोगों और 'घमंडिया' गठबंधन को जवाब देगा. तमिलनाडु में भी उन्हें जवाब मिलेगा.
क्लिप में, मारन ने अंग्रेजी सीखने वाले और केवल हिंदी सीखने वाले लोगों की तुलना की और कहा कि पहले लोग आईटी कंपनियों में चले जाते हैं जबकि दूसरे लोग छोटी-मोटी नौकरियां करते हैं.
BJP ने 'उत्तर-दक्षिण विभाजन' के उदाहरण गिनाए
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि डीएमके के एक अन्य सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था.
सेंथिलकुमार ने कहा था कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी की हालिया जीत के बाद बीजेपी दक्षिण भारतीय राज्यों में नहीं जीत सकती.
पूनावाला ने पुरानी घटनाओं को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की भी आलोचना की.
2021 में, उस वर्ष केरल विधानसभा चुनावों से पहले, वायनाड लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह उत्तर प्रदेश में अमेठी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, तो वह "अलग प्रकार की राजनीति" के आदी थे.
2022 में, प्रियंका गांधी वाड्रा ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का बचाव किया, जब उन्होंने कहा था कि पंजाबियों को एकजुट होना चाहिए और "यूपी, बिहार और दिल्ली के भाइयों" को राज्य पर शासन नहीं करने देना चाहिए.
जबकि हाल ही में, तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना "डेंगू" और "मलेरिया" से करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया और कहा कि इसका न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि "खत्म" भी किया जाना चाहिए.
इसके अलावा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के पदभार संभालने के बाद, उनका एक पुराना वीडियो फिर से सामने आया जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और पूर्व सीएम के.चंद्रशेखर राव पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राव का "डीएनए बिहार से है".
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