चीन (China) पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रविवार को कहा कि "कुछ गैर-जिम्मेदार राष्ट्र" अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों और वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों के साथ समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की गलत परिभाषाओं के साथ आ रहे हैं.
भारतीय नौसेना के विध्वंसक 'विशाखापट्टनम' को शुरू करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "यह चिंता का विषय है कि कुछ देशों द्वारा इसकी परिभाषा को मनमाने तरीके से परिभाषित किया जा रहा है."
चीन ने कुछ महीने पहले नए समुद्री नियमों की घोषणा की थी जिसके बाद राजनाथ सिंह का यह बयान आया है. चीन "चीनी क्षेत्रीय जल" में विदेशी जहाजों के प्रवेश को नियंत्रित करना चाहता है.
विशाखापट्टनम युद्धपोत की खासियत
विशाखापट्टनम छिप कर वार कर सकता है, यह कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस विशाखापट्टनम के नौसेना में शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि "हम सिर्फ मेक इन इंडिया नहीं बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड भी करेंगे. इंडो पैसिफिक को सुरक्षित, स्वतंत्र और खुला रखना हमारे नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी है."
आगे उन्होंने कहा, "मुझे बताया बताया गया कि 163 मीटर लंबा यह युद्धपोत शक्तिशाली कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोत का तकनीकी अपग्रेडेट वर्जन है. यह आधुनिकतम तकनीकों से युक्त है."
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