ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेना को मिलेंगी और 72 हजार असॉल्ट राइफल, 780 करोड़ रुपये मंजूर

रक्षामंत्री ने अगस्त में आत्मनिर्भर भारत के लिए हथियारों के आयात पर प्रतिबंध की बात कही थी

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के नारों के बीच अब भारत सरकार ने अमेरिका से 2290 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दी है. सेना के लिए हथियारों की खरीद को लेकर ये डील हुई है. जिसमें असॉल्ट राइफल की डील भी शामिल है. भारत-चीन के बीच पिछले कई महीनों से जारी तनाव को देखते हुए ये डील अहम मानी जा रही है. रक्षा मंत्रालय ने कुल 72 हजार असॉल्ट राइफल्स खरीदने के लिए इसे मंजूरी दी है. असॉल्ट राइफल्स के लिए कुल 780 करोड़ रुपये अमेरिकी कंपनी को दिए जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण काउंसिल की बैठक में ये फैसला लिया गया और डील को मंजूरी दी गई. बताया गया है कि ये असॉल्ट राइफल काफी ज्यादा आधुनिक हैं. जिनकी रेंज करीब 500 मीटर तक की है.

इससे पहले भी भारत सरकार ने अमेरिका के साथ असॉल्ट राइफल्स को लेकर डील साइन की थी. इस डील के तहत सेना को 72 हजार असॉल्ट राइफल्स की डिलीवरी हुई थी. जिसके बाद अब इतनी ही और राइफल की डील की गई है. जो असॉल्ट राइफल भारत आईं थीं उन्होंने मौजूदा इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम (Insas) 5.56x45mm राइफल्स की जगह ली थी. इन्हें आतंकवाद ग्रसित इलाकों में जवानों के लिए लिया गया था.

0

रक्षामंत्री ने कही थी आत्मनिर्भर भारत की बात

हालांकि अगस्त में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा था कि रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय 101 आइटम पर आयात प्रतिबंध (एम्बार्गो) लगाएगा. राजनाथ सिंह ने इसे आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ाया गया एक कदम बताया था. इन सभी रक्षा उपकरणों में असॉल्ट राइफल का नाम भी शामिल था.

101 आइटम्स में सिर्फ उच्च तकनीक वाले वैपन सिस्टम शामिल थे, जिनमें आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs, रडार और कई बाकी आइटम थे, जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए खरीदे जाने थे. लेकिन अब असॉल्ट राइफल्स के लिए अमेरिका के साथ 2290 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दिया जाना इसके बिल्कुल उलट है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×