भारत और चीन के बीच चले लंबे विवाद को लेकर सवाल उठ रहे थे कि चीन ने भारत की सीमा में कितनी घुसपैठ की है. लेकिन सरकार की तरफ से इसे लगातार नकारा जा रहा था. खुद पीएम मोदी ने कहा था कि चीन ने भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ली. इसके बाद पहली बार रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट में एक दस्तावेज अपलोड किया, जिसमें इस बात को स्वीकारा गया था कि चीन ने मई में घुसपैठ की थी. जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था. लेकिन अब इस दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया गया है.
दस्तावेज में था चीनी घुसपैठ का जिक्र
दरअसल दो दिन पहले 4 अगस्त को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक दस्तावेज अपलोड किया गया. जिसका टाइटल 'चाइनीज एग्रेसन' था. इस दस्तावेज में ये बताया गया था कि कैसे मई के महीने में चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी.
इसे सीमा क्षेत्र का उल्लंघन (Transgression) बताया गया था. दस्तावेज में कहा गया था कि 5 मई के बाद से ही चीन की घुसपैठ गलवान इलाके के अलावा एलएसी पर शुरू हो गई थी. इसके बाद चीन की तरफ से 17-18 मई को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंग्गॉन्ग झील के नॉर्थ में सीमा क्षेत्र का उल्लंघन किया गया.
साथ ही इसमें ये भी बताया गया था कि इस दौरान लगातार डिफेंस लेवल की बाचतीत जारी थी. कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग 6 जून को हुई. लेकिन इसके बाद 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के जवानों की जानें गईं. इस दस्तावेज में 22 जून को हुई कमांडर लेवल बातचीत का भी जिक्र किया गया था.
इस खबर को राहुल गांधी ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था - "प्रधानमंत्री झूठ क्यों बोल रह है?"
लेकिन इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस दस्तावेज को अपनी वेबसाइट से हटा दिया. इसके बाद रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इसे लेकर कहा कि ये दस्तावेज उनकी जानकारी में नहीं है. बता दें कि ये पहला मौका था जब चीन की घुसपैठ को लेकर सरकार की तरफ से कोई दस्तावेज जारी किया गया हो. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बताया था कि चीन के साथ विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि वो एलएसी के नजदीक निर्माण कार्य कर रहा है और भारतीय जवानों को पेट्रोलिंग करने से रोका जा रहा है.
राहुल गांधी ने फिर किया ट्वीट
अब रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से चीन को लेकर जारी किए गए इस दस्तावेज को हटाए जाने पर राहुल गांधी ने फिर ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि पीएम चीन का नाम भी लेने से डर रहे हैं. उन्होंने लिखा,
"चीन के खिलाफ खड़ा होना भूल जाते हैं, पीएम के पास इतनी भी हिम्मत नहीं है कि वो उसका नाम भी ले पाएं. चीन की घुसपैठ को नकारना और वेबसाइट से दस्तावेज को डिलीट करने से तथ्य बदल नहीं जाते हैं."
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