15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस तनाव को कम करने के लिए बातचीत करेंगे. हालांकि इसी बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के रूस दौरे पर निकल गए हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राजनाथ सिंह रूस से फाइटर प्लेन, सबमरीन और बैटल टैंक्स के लिए तत्काल इक्विपमेंट भेजने का निवेदन करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह रूस से इन इक्विपमेंट को समंदर के रास्ते की बजाय एयर रुट से भेजने को कहेंगे. सिंह रूस की टॉप पॉलिटिकल लीडरशिप से मुलाकात करेंगे. साथ ही ऐसी संभावना है कि रक्षा मंत्री रूस को लद्दाख के मौजूदा हालात के बारे में भी बताएंगे.
दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एयर फाॅर्स के रूसी फाइटर एयरक्राफ्ट सुखोई 30MKIs और MiG-29s, आर्मी के T-90 बैटल टैंक और नेवी के MiG29Ks फाइटर एयरक्राफ्ट और किलो-क्लास सबमरीन और कई दूसरे वॉरशिप्स के लिए इक्विपमेंट और स्पेयर पार्ट्स की तत्काल सप्लाई का निवेदन करेंगे.सूत्रों ने ANI को बताया
मिग-सीरीज के एयरक्राफ्ट के फेज-आउट होने की वजह से सुखोई-30 MKI भारतीय वायुसेना का मुख्य फाइटर प्लेन बन गया है.
एयर रूट से सप्लाई
सूत्रों ने बताया कि ये इक्विपमेंट पहले भारत समंदर के रास्ते आने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से कई महीने सप्लाई फंसी रह गई.
सूत्रों का कहना है, "अब रूस के साथ हमारे पुराने रिश्तों के आधार पर रक्षा मंत्री निवेदन करेंगे कि ये इक्विपमेंट हमें एयर रूट से तत्काल रूप में भेज दें."
एयर डिफेंस सिस्टम की जल्द डिलीवरी
सूत्रों ने बताया है कि राजनाथ सिंह बातचीत के दौरान S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी जल्दी करने की बात भी कहेंगे. ये सिस्टम भारत को अगले साल के अंत तक मिलने वाला है. कई मुद्दों पर पेमेंट में देरी होने की वजह से रूस ने इसका डिलीवरी शेड्यूल पोस्टपोन कर दिया था.
सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री के मॉस्को जाने से पहले उन्हें एक विस्तृत ब्रीफिंग दी गई, जिसमें उन्हें बताया गया कि दौरे के दौरान वो किन मुद्दों को उठा सकते हैं.
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