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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरी फाइटर जेट ‘तेजस’ में उड़ान

राजनाथ सिंह तमिलनाडु में बने एयर फोर्स स्टेशन से भरेंगे उड़ान

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी. तेजस एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. राजनाथ सिंह ने जिस विमान में उड़ान भरी वो दो सीटों वाला है. रक्षा मंत्री ने तमिलनाडु के सुलूर एयर फोर्स स्टेशन से उड़ान भरी. बता दें कि इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सुखोई विमान में उड़ान भरी थी. ऐसा करने वाली वो देश की पहली महिला रक्षा मंत्री थीं.

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तेजस विमान भारत में ही बना है. भारतीय वायुसेना में से पुराने होते हुए मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए बनाया गया है. ऐसा एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है जो साल 1980 में शुरू किया गया था. तेजस एक सिंगल इंजन, डेल्टा विंग, मल्टीरोल लाइट फाइटर हैं जिसे ऐरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड(HAL) ने बनाया है. तेजस का इस्तेमाल नेवी और एयरफोर्स में किया जाएगा.

सुखोई में उड़ान भर, निर्मला बनीं देश की पहली महिला रक्षा मंत्री

जनवरी 2018 में तत्काली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुखोई MKi 30 में उड़ान भरी थी. निर्मला ने हर मौसम में लंबे रेंज तक उड़ान भरने में सक्षण सुखोई में उड़ान भरी थी. इस सुपरसॉनिक जेट ने जोधपुर के एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी और 8 हजार मीटर तक की ऊंचाई तक जाकर साउंड बैरियर को भी तोड़ा था. निर्मला सीतारमण ने 45 मिनट की उड़ान भरी और लैंड करने के बाद कहा, ‘‘ये एक यादगार अनुभव है और फ्लाइट में सब ठीक रहा.’’

HAL वायु सेना को देने वाला है 83 ‘तेजस’

हाल ही में स्वदेशी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़ी खबर आई थी कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वायुसेना 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस' का ऑर्डर दे सकती है. ये ऑर्डर 45 हजार करोड़ का बताया जा रहा है.

वायु सेना ने 2 साल पहले 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने का टेंडर जारी किया था लेकिन सरकार और वायुसेना को लगा कि दाम बहुत ज्यादा है इस वजह से ये प्रोजेक्ट रुक गया था.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय की कॉस्ट कमेटी ने 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 1A के दाम का अनुमान लगाया था कि ये 45 हजार करोड़ होगा. अब वायुसेना अगले कुछ हफ्तों में ये ऑर्डर HAL को दे सकती है.

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का डिजाइन डीआरडीओ ने तैयार किया है. इसी साल डीआरडीओ के चीफ डी सतीश रेड्डी ने इन विमानों को ऑपरेशन में लाने के लिए रक्षा मंत्रालय और वायुसेना को क्लियरेंस दी थी.

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