विजयादशमी के मौके पर राजनाथ फ्रांस में शस्त्रपूजा करेंगे. राजनाथ 8 अक्टूबर को फ्रांस की धरती पर भारतीय परंपरा के मुताबिक, हाई टेक्नोलॉजी से लैस लड़ाकू विमान राफेल का हैंडओवर लेंगे. भारत में शस्त्र पूजा की रीति सालों से चली आ रही है. महाराणा प्रताप की इस धरती पर राजपूत राजा दुश्मनों को रणभूमि में छक्के छुड़ाने से पहले अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते रहे हैं. इसी परंपरा का पालन करते हुए इंडियन आर्मी में भी विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा की जाती है. शायद इसी परंपरा को निभाने के लिए राफेल विमान का अधिग्रहण विजया दशमी के दिन हो रहा है.
राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में बड़ा बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं. फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा.
राफेल के बारे में आपको क्या जानना है? हम सब बता रहे हैं
हर जंग का हरफनमौला है राफेल
ये 8 IN 1 एयरक्राफ्ट है. हवाई जंग का हरफनमौला है
ये आसमान में सबसे ऊंचा उड़ता है.
20 हजार मीटर की ऊंचाई पकड़ सकता है.
ये 2130 km/घंटे की रफ्तार यानी आवाज की स्पीड से डबल स्पीड से उड़ता है
ये चप्पे-चप्पे की निगरानी यानी रिकनाइसां कर सकता है
इसका रेडार मल्टी डाइरेक्शनल है
इसका टेलिस्कोपिक जूम कैमरा एक टन का है
रफ्तार की कोई सानी नहीं
- ये छह मिसाइलें एक साथ लॉन्च कर सकता है और मिसाइल की रफ्तार होती है एक सेकेंड में 1050 मीटर
- राफेल एक साथ सौ किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट पर बम गिरा सकता है.
- 30 एमएम के ये 2500 शेल एक मिनट में मार सकता है
- ये है 11 टन का लेकिन 16 टन बम मिसाइल और फ्यूल का लोड लेता है
रक्षा विशेषज्ञों की माने तो राफेल जैसी क्षमता वाला पाकिस्तान के पास अब तक कोई विमान नहीं है.
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