ED का विपक्षी नेताओं से खूब लगाव, यूपी के स्कूल में बेंच-डेस्क का अभाव, दिल्ली के स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं, भ्रष्ट हैं हमारे अधिकारी ये बात खुद मंत्री जी ने कही, सांसद महोदय ने हाथ से साफ किया शौचालय, बिना शिक्षक ही चल रहे यूपी के कुछ विद्यालय, एमपी के किसान ने लहसुन पानी में बहाए और 300 किलो प्याज़ के बस 2 रुपए पाए. ये सारी छपी-छिपी कहानियां इसी हिंदुस्तान की हैं जिन्हें देखा तो गया मगर अनदेखा कर दिया गया, तो आइए हम आपको बताते हैं इस हफ्ते का देखा-अनदेखा हिंदुस्तान.
देखा-अनदेखा हिंदुस्तान के सफर की शुरुआत 'पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया' के स्लोगन से करते हैं मतलब शिक्षा जगत से करते हैं. इस हफ्ते यूपी और दिल्ली के स्कूलों पर एक जानकारी सामने आई, यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं संदीप सिंह जी उन्होंने 2 जानकारियां दीं, जानकारी नंबर 1 कि यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा कुल 87,271 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से मात्र 17,987 प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क-बैंच उपलब्ध हैं. यानी करीब 70,000 स्कूलों में डेस्क बेंच ही उपलब्ध नहीं है. अगर आपको लग रहा है कि खबर इतनी ही है तो आप गलत हैं.
मंत्री जी ने विधायकों के एक सवाल का विधानसभा में जवाब देते हुए यह भी बताया कि परिषदीय स्कूलों में करीब 63 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं.दिल्ली के शिक्षा सुधारों का ख़ूब डंका बज रहा है मगर दिल्ली के स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स के पद भारी संख्या में खाली पड़े हैं. दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 84 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं.
चुप रहिए वरना ED आ जायेगी!
पहले बच्चों से कहा जाता था सो जाओ वरना गब्बर आ जायेगा. समय के साथ इस डायलॉग में परिवर्तन आया अब नेताओं से कहा जाता है चुप रहिए वरना ED आ जायेगी. अब हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? वजह है एक रिपोर्ट. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2014 से लेकर अब तक नेताओं के खिलाफ ईडी की ओर से दर्ज किए गए केस में 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है और 2014 के बाद से जिन नेताओं पर ईडी ने केस दर्ज करके जांच की है उनमें से 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं.
क्यों कांग्रेस के लिए राजस्थान बन गया रणभूमि?
विपक्ष से कांग्रेस की याद आ गई, कांग्रेस एक अरसे बाद गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर इतिहास रचने की तैयारी कर रही थी मगर तभी राजस्थान में खेला हो गया, अशोक गहलोत की कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर चर्चा हुई तो उनके राजस्थान सीएम पद से हटने की भी चर्चा हुई, चर्चा आगे बढ़ी तो सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाने की चर्चा शुरू हो गई और इस पर विधायक बागी हो गए. गहलोत समर्थक विधायकों ने सोनिया के भेजे दूतों से मिलने से मना कर दिया. वो चाहते हैं गहलोत ही सीएम रहें, सचिन पायलट सीएम न बनें. और इस तरह से एक बार फिर कांग्रेस कच्चापन उजागर हो गया. अपने विधायकों को पहले विश्वास में लिया नहीं और दिल्ली में बने प्लान के साथ राजस्थानी किले के लिए कूच कर गए, नतीजा राजस्थान रणभूमि बन गया, जहां अपने ही लड़ रहे हैं. राजस्थान और कांग्रेस की सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है ये जानने के लिए अभी इंतज़ार करना होगा.
300 किलो प्याज बेचकर एक किसान 2 रुपए बचा पाया
'भारत एक कृषि प्रधान देश है' हमने किताबों में यही पढ़ा, फिर हमें बताया गया कि कृषिप्रधान भारत के किसानों की किस्मत बदलने वाली है 2022 में आय दुगनी हो जाएगी अब आय दुगनी का तो नहीं पता मगर 6 बोरी यानी 300 किलो प्याज बेचकर एक किसान 2 रुपए बचा पाया है बहरहाल ये कहना भी ठीक नहीं है. किसान ने प्याज़ बोया, अपना खेत लगाया, पानी लगाया, खाद डाली, दवा डाली, रखवाली की, मजदूरी की, फसल काटी, उसे मंडी ले गया और वहां 6 बोरी यानी 300 kg प्याज़ के मिले 330 रुपए जिसमें 280 रुपए ट्रांसपोर्ट के लग गए, 48 रुपए प्याज़ को तोलने के लग गए फिर किसान को 2 रुपए मंडी से मिले इतने में तो किसान मंडी से वापस घर भी नहीं लौट पाएगा. मामला शाजापुर एमपी का है.
कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने खुद स्वीकारा विभागीय भ्रष्टाचार
एमपी के मंदसौर के नंदकिशोर ने 24 बोरी लहसुन फेंक दिया, 4 बीघे में नंदकिशोर ने लहसुन की खेती की 1 लाख की लागत आई और मंडी में कोई दाम नहीं मिल रहा तो मजबूरन नंदकिशोर ने ऐसा कदम उठाया.वहीं बिहार के कृषिमंत्री सुधाकर सिंह खुद स्वीकार कर रहे हैं कि उनके विभाग के अधिकारी भ्रष्ट हैं और किसानों से 25-50 हज़ार रुपए वसूलते हैं.
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को नींद कैसे आ रही है देश के प्रधान कोकवि हरिओम पवार
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश जारी
किसानों से सीधा कश्मीर चलते हैं और कश्मीरी पंडितों की बात कर लेते हैं, कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को आतंकवादियों ने गोली मारी, इसके बाद कश्मीरी पंडितों ने अपनी सुरक्षा को लेकर धरना देना शुरू किया, मांग नहीं माने जाने पर धरना चलता रहा अब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हड़ताल कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है. तो जमीन पर कश्मीरी पंडितों को ये दर्द दिया जा रहा है और परदे पर पिक्चर दिखाई जा रही है कि कश्मीरी पंडितों के दर्द की इतनी चिंता कभी नहीं स्वच्छ भारत अभियान का एक दृश्य की गई.
स्वच्छ भारत अभियान का अनोखा दृश्य
कश्मीरी पंडितों के बाद अब आपको स्वच्छ भारत अभियान का एक दृश्य दिखाते हैं, हाथ से शौचालय साफ कर रहे ये महोदय माननीय संसद जनार्दन मिश्र हैं, मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर बालिका विद्यालय गए थे, महोदय को शौचालय गन्दा दिखा तो बस माननीय ने हाथ से उसकी सफाई करनी शुरू कर दी, माननीय के इस सफाई अभियान पर विचित्र प्रतिक्रियाएं सामने आईं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बने नायक फिल्म के अनिल कपूर
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नायक फ़िल्म के अनिल कपूर की तरह डिंडोरी में उज्ज्वला योजना के तहत कार्ड बनाने में लापरवाही करने के मामले में डीएसओ टीकाराम अहिरवार को मंच से सस्पेंड कर दिया. उन्होने कहा कि गड़बड़ करने वालों को मैं छोड़ूंगा नहीं, उनपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. लेकिन मुझे डर है इस फिल्मी नायक स्टाइल से सुर्खियां अच्छी बनेंगी, सिस्टम नहीं सुधरेगा.
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