दिल्ली (Delhi) के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि राजधानी में फैले प्रदूषण में दिल्ली का योगदान केवल 31 प्रतिशत है, बाकी का 69 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के बाहर से आता है.
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा संयुक्त कार्य योजना के बिना प्रदूषण पर अंकुश लगाना असंभव है.
प्रदूषण पर स्टडी का दिया हवाला
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर 2016 में एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के द्वारा स्टडी की गई थी, जिसमें पता चला था कि दिल्ली के अंदर का प्रदूषण 64 प्रतिशत बाहर से आता है और 36 प्रतिशत दिल्ली के अंदर का है लेकिन ये स्टडी 2016 की थी.
लेकिन मौजूदा वक्त में 24 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच SAFAR के आंकड़ों के आधार पर CSE की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण में दिल्ली का योगदान सिर्फ 31 प्रतिशत है और शेष 69 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के बाहर से आता है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी द्वारा जारी आंकड़ों पर आधारित है, जिसे सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि हम कितनी भी कोशिश कर लें, 70 प्रतिशत बाहर से छुटकारा पाना संभव नहीं है. प्रदूषण को लेकर दिल्ली के लोगों पर लगातार हमले होते रहे हैं. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक, दिल्ली की एयर क्वालिटी आज लगातार पांचवें दिन बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है.
हालांकि, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 379 से घटकर आज 362 हो गया है. इस बीच, प्रदूषण को कम करने के लिए इमरजेंसी उपायों की घोषणा करते हुए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार 17 नवंबर को कहा कि सरकारी विभागों के लिए 21 नवंबर तक 100 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम होगा.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में 21 नवंबर तक निर्माण और विध्वंस कार्य पर भी रोक लगा दी गई है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे.
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