दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में नर्सों ने अस्पताल प्रशासन के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. AIIMS नर्स यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है. जिसकी वजह से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतरती दिख रही है. दरअसल, AIIMS नर्स यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला के निलंबन के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुआ है. वहीं एम्स प्रशासन ने अपने स्टाफ और फैकल्टी को किसी भी कारण से काम बाधित नहीं करने का निर्देश दिया है.
एम्स की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी या फैकल्टी मेंबर किसी भी कारण से काम बंद नहीं करेगा या काम में बाधा नहीं डालेगा. इसके साथ ही AIIMS परिसर में लाउडस्पीकर के उपयोग, नारेबाजी और प्रदर्शन पर भी रोक है.
हाईकोर्ट ने काम पर लौटने के निर्देश दिए
AIIMS में नर्सों की हड़ताल को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एम्स नर्स यूनियन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि हड़ताल पर रहने वाली नर्सों सहित कर्मचारी ड्यूटी पर शामिल हों. आपको बात दें कि नर्सों की हड़ताल के खिलाफ एम्स प्रशासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान नर्सों के संघ की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ. वहीं कोर्ट ने मामले को बुधवार सुबह साढ़े दस बजे के लिए सूचीबद्ध किया है.
नर्सों से डॉ. गुलेरिया की अपील
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने नर्सों से काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा कि "मरीजों और उनके परिवारों को समय पर इलाज नहीं मिला. नर्सेज यूनियन ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी की. मरीजों को राहत देने के बजाय उन्हें खतरे में डाल दिया. हम इसका समर्थन नहीं करते हैं. मैं उनसे काम पर लौटने की अपील करता हूं."
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, एम्स में पिछले दिनों नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी पर नहीं आया था, इस कारण 50 से ज्यादा सर्जरी कैंसल हो गई थीं. इसके बाद नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसी के तहत हाल ही में एम्स की ओर से नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष हरीश कजीला को सस्पेंड कर दिया गया था. नर्सिंग यूनियन ने एम्स डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया को पत्र लिखकर हरीश कजीला की तुरंत बहाली की मांग की है.
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