सर्दियां शुरू होते ही देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Pollution) लगातार दम घोंटू हवा में जीने को मजबूर है. सरकार के हजार दावों और कथित प्रयासों के बावजूद दिल्ली वालों के लिए हवा की गुणवत्ता (AQI) का गिरता स्तर मुसीबत बना हुआ है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, शुक्रवार, 5 नवंबर को सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI 478 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में है.
स्कूलों की छुट्टी? लगातार कुछ दिनों से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब है. अब इसके चलके धुंध भी छाने लगा है. इसका असर NCR के इलाकों में भी देखा जा रहा है. नोएडा आज सुबह धुंध की चादर में लिपटा रहा. प्रशासन ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कक्षा 8 तक सभी स्कूलों को 8 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए हैं.
क्यों हो रहा इतना प्रदूषण? प्रदूषण के बढ़ने के पीछे गिरते तापमान को कारण माना जा रहा है, लेकिन इसमें पराली का भी एक बड़ा हिस्सा शामिल है. 3 नवंबर को दिल्ली के कुल प्रदूषण में पराली से हुए प्रदूषण की हिस्सेदारी 34 फीसदी थी.
सरकार क्या कर रही? दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दिया है और सड़कों पर पानी का छिड़काव करवा रही है. इसके अलावा ऐंटी स्मॉग गन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन ये सभी प्रयास बढ़ते प्रदूषण के सामने बौने साबित हो रहे हैं.
दिल्ली में कहां कितना प्रदूषण? दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में है. लोगों को घर से बेवजह निकलने से मना किया गया है. दिल्ली के पांच इलाकों का प्रदूषण...
आनंद विहार- AQI 473
बवाना- AQI 483
नजफगढ़- AQI 481
वजीरपुर- AQI 471
लोधी रोड- AQI 397
कितना AQI किस श्रेणी में? विश्व वायु गुणवत्ता मीटर के अनुसार 0-50 AQI 'अच्छी श्रेणी' में माना जाता है. 52-100 के बीच वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' मानी जाती है. 101-200 के बीच ये 'सामान्य' श्रेणी में आता है. 201-300 के बीच वायु गुणवत्ता को 'खराब' माना जाता है. 301-400 के बीच 'बहुत खराब' और अगर AQI 401 से 500 के बीच है तो इसे 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
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