452, 464, 388, 357... ये किसी के एग्जाम में आए नंबर नहीं, बल्कि नवंबर 2022 में दिल्ली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) है. अक्टूबर-नवंबर आते ही दिल्ली में लोगों का दम घुटने लगता है. ऐसा लगता है कि हवा में सीमेंट घुला हुआ है. लेकिन हर साल इन दो-तीन महीनों में दिल्ली इतनी क्यों तड़पती है?
दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण? दिल्ली में प्रदूषण का कारण कोई एक नहीं है. राजधानी की सड़कों पर लाखों गाड़ियों से लेकर पराली और पटाखे इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं.
मौसमी कारण
वाहन
औद्योगिकरण
पराली-पटाखे
थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर दिल्ली के प्रदूषण के कारणों को देखें, तो वाहन सबसे आगे है. दिल्ली के प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का है.
CSE ने अपनी रिसर्च में पाया कि PM2.5 लेवल में 51 फीसदी योगदान लोकल सोर्स का है. लोकल सोर्स का मतलब है कि वो कारण, जो शहर के भीतर ही मौजूद हैं. अगला सबसे बड़ा योगदान आवासीय सोर्स से 13 फीसदी और उद्योगों से 11 फीसदी था.
"ये जगजाहिर है कि दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण में दोपहिया वाहन मुख्य कारण हैं."CSE में क्लीन एयर प्रोग्राम के सीनियर मैनेजर विवेक चट्टोपाध्य ने क्विंट से कहा
चट्टोपाध्य ने कहा कि दोपहिया वाहन संख्या में बहुत अधिक हैं और कॉमर्शियल कार सेगमेंट की तुलना में दोपहिया वाहनों के उत्सर्जन मानक कमजोर हैं. इसलिए वो ज्यादा मात्रा में प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं.
प्रदूषण में पराली जलाने का कितना योगदान? दिल्ली की हवा प्रदूषित होते ही सरकारों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो जाता है. दिल्ली सरकार, पंजाब-हरियाणा-उत्तर प्रदेश के किसानों पर पराली जलाने और दिल्ली में प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाते हैं. ये सच है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली एक अहम कारण है. SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के मुताबिक, 3 नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में 34 फीसदी हिस्सा पराली का था. लेकिन दिल्ली के प्रदूषण में पराली ही इकलौता कारक नहीं है.
दिवाली के बाद इस साल क्या रहा AQI? दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अक्सर ज्यादा देखा गया है. हालांकि, इस साल दिवाली के अगले दिन प्रदूषण कम देखा गया था. इस साल दिवाली के दिन AQI 312 दर्ज किया गया, जबकि इसके अगले दिन 25 अक्टूबर को AQI 303 रहा. दिवाली के दिन की हवा इस साल 2019 के बाद से सबसे साफ रही है, जबकि दिवाली के अगले दिन की हवा 2015 के बाद से सबसे साफ दर्ज की गई.
दिवाली के अगले दिन की हवा 2015 के बाद से सबसे खराब पिछले साल देखी गई थी, जब AQI 462 (गंभीर श्रेणी में) था. 2015 के बाद से 4 बार दिवाली के अगले दिन की हवा 'गंभीर' कैटेगिरी में जा चुकी है.
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