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दिल्ली-NCR में हल्की बारिश ने बदला मौसम, वायु प्रदूषण में कितना हुआ सुधार?

दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 20-21 नवंबर को क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है.

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दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में गुरुवार (9 नवंबर) की रात को हल्की बारिश हुई, जिससे खतरनाक स्थिति पहुंच चुकी वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला. राजधानी में बारिश ऐसे समय में हुई है, जब दिल्ली सरकार गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 20 और 21 नवंबर को क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है.

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मौसम विभाग ने जताई बारिश की संभावना

क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र (RWFC) ने शुक्रवार (10 नवंबर) सुबह दिल्ली-एनसीआर, सोहाना, रेवाड़ी, औरंगाबाद, होडल (हरियाणा), बिजनौर, सकौती टांडा, हस्तिनापुर, चांदपुर, दौराला, मेरठ, मोदीनगर, किथोर और अमरोहा के कई इलाकों में रुक-रुक कर हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है.

उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर, पिलखुआ, हापुड़, गुलावटी, स्याना, बुलंदशहर, जहांगीराबाद, अनूपशहर, शिकारपुर, खुर्जा, पहासू, देबाई, नरोरा, गभाना, जट्टारी, खैर, नंदगांव और बरसाना में भी बारिश की संभावना है. वहीं राजस्थान के भिवारी, खैरथल, अलवर, विराटनगर, नगर, डीग, लक्ष्मणगढ़, राजगढ़ में इसी दौरान हल्की बारिश होने की संभावना है.

बारिश के बाद वायु प्रदूषण में कितना सुधरा?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार में औसत AQI 462 (गंभीर) दर्ज किया गया था, जो शुक्रवार सुबह सुधरकर 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया.

इसी तरह, आरके पुरम में औसत AQI 446 पर गंभीर श्रेणी में रहा, CPCB डेटा से पता चला कि सुबह हवा की गुणवत्ता में भारी सुधार (संतोषजनक) देखा गया.

नोएडा सेक्टर-62 में औसत AQI रीडिंग 425 रही, जबकि न्यूनतम 56 (संतोषजनक) दर्ज की गई.

गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता में अचानक सुधार देखा गया, सुबह 6 बजे AQI 50 (अच्छा) रहा, जबकि औसत AQI 399 पर 'बहुत खराब' रहा.

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की छह श्रेणियां हैं, जिनमें 'अच्छा' (0-50), 'संतोषजनक' (50-100), 'मध्यम प्रदूषित' (100-200), 'खराब' (200-300), 'बहुत खराब' (300-400), और 'गंभीर' (400-500) शामिल हैं.

गुरुवार को दिल्ली का औसत AQI 'गंभीर'

दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI), जो प्रतिदिन शाम 4 बजे दर्ज किया जाता है, गुरुवार को 437 था, जो बुधवार को 426 से बिगड़ गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार किए गए एक्यूआई मानचित्र में भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में फैले लाल बिंदुओं के समूह (खतरनाक वायु गुणवत्ता का संकेत) दिखाए गए हैं.

गाजियाबाद (391), गुरुग्राम (404), नोएडा (394), ग्रेटर नोएडा (439) और फरीदाबाद (410) में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब बताई गई

कृत्रिम बारिश का पूरा खर्च उठाएगी AAP सरकार

इसी बीच, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के उपायों के लिए मंत्रियों को भी मैदान में उतारा है. दिल्ली सरकार ने शहर में खतरनाक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का पूरा खर्च वहन करने का फैसला किया है. दिल्ली के मुख्य सचिव शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार की राय रखेंगे.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "बारिश की वजह से वायु गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है. हमें उम्मीद है कि इसमें और सुधार होगा. हम ऑड-ईवन योजना के कार्यान्वयन पर अपना अध्ययन सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे. अगर जरूरत पड़ेगी तो ऑड-ईवन की तरफ बढ़ेंगे."

अगर केंद्र इस फैसले का समर्थन करता है तो दिल्ली सरकार 20 नवंबर तक शहर में कृत्रिम बारिश के पहले चरण की व्यवस्था कर सकती है. PTI के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट को यह सूचित करने के लिए कहा गया है कि कृत्रिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर की टीम पहले और दूसरे चरण के पायलटों (कुल 13 करोड़ रुपये) का खर्च वहन करने पर सहमत हो गई है."

आईआईटी कानपुर की टीम से मुलाकात के बाद मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है.

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