दिल्ली पुलिस ने भजनपुरा मर्डर केस को सुलझाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस पूरी घटना को कैसे अंजाम तक पहुंचाया गया. पुलिस ने बताया कि हत्या परिवार के ही एक रिश्तेदार ने की है. जिसने परिवार से करीब 30 हजार रुपये कर्ज लिए थे. आरोपी ने कुछ ही घंटों में पूरे परिवार की हत्या कर दी.
दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि परिवार के रिश्तेदार प्रभु चौधरी ने सभी की हत्या की. ये सभी हत्याएं महज 30 हजार रुपये के कर्ज को लेकर की गईं. दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया,
3 फरवरी को दिन में साढ़े तीन बजे के आसपास आरोपी प्रभु चौधरी ने शंभू मिश्रा को पैसे के लेनदेन के लिए लक्ष्मी नगर बुलाया. शंभू मिश्रा लक्ष्मी नगर चला गया और उसी वक्त आरोपी उसके घर पहुंच जाता है. तब शंभू की वाइफ अकेली थी. उसने सबसे पहले शंभू की पत्नी का मर्डर किया. इसके बाद शंभू की छोटी बेटी घर पहुंची तो उसने उसकी भी हत्या कर दी. कुछ देर बाद दूसरा बेटा आता है तो उसकी भी हत्या कर दी. फिर तीसरे बेटे को भी अंदर बुलाकर मार डाला.
इस तरह से चारों लोगों की हत्या करने के बाद वो शंभू से बात करता है और दोनों पास के ही गांव में जाकर शराब पीते हैं. रात 11 बजे दोनों भजनपुरा वापस पहुंचते हैं और घर के अंदर जाने के बाद आरोप ने शंभू की भी हत्या कर दी. आरोपी ने चार घंटे के भीतर शंभू की पत्नी सुनीता और तीनों बच्चों को मार डाला.
कैसे हुई आरोपी की पहचान?
बच्चों के स्कूल से पता चला कि 3 तारीख के बाद से बच्चे स्कूल नहीं आए हैं. इसके बाद शंभू के कॉल डीटेल से पता चला कि आखिरी कॉल तीन तारीख को ही की गई थी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी की पहचान की.
ज्वाइंट सीपी ने बताया कि आरोपी कमेटी डालने का काम करता है. उन्होंने बताया कि आरोपी की उम्र लगभग 28 साल है. उसे दिल्ली से ही गिरफ्तार किया गया है. आरोपी भी बिहार के सुपौल का ही रहने वाला है. फिलहाल हत्या कारण 30 हजार रुपये कर्ज को ही बताया गया है, लेकिन बाकी पूछताछ जारी है.
क्या था पूरा मामला?
बुधवार 12 फरवरी को दिल्ली पुलिस के पास एक कॉल आई, जिसमें बताया गया कि भजनपुरा इलाके में एक घर से बदबू आ रही है. पुलिस मौके पर पहुंची तो घर के बाहर ताला लगा मिला. पुलिस ने ताला तोड़ा और जैसे ही अंदर घुसे तो वहां कई शव पड़े मिले. पुलिस को घर से तीन बच्चों और एक महिला और पुरुष का शव मिला. पुलिस ने तुरंत फॉरेंसिंक टीम बुलाई और मामले की जांच की बात कही. ये परिवार शंभू मिश्रा का था. जो यहां पिछले 8 महीनों से रहता था. शंभू ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता था.
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