(New Delhi) नई दिल्ली: ओला, उबेर जैसे कैब एग्रीगेटर्स को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 12 जून को फैसला सुनाया कि दिल्ली में बाइक-टैक्सी तब तक नहीं चल सकती जब तक कि सरकार इसे लेकर कोई पॉलिसी नहीं बनाती है. टैक्सी एग्रीगेटर्स की मांग थी कि जब तक दिल्ली सरकार पॉलिसी नहीं बनाती, तब तक उन्हें बिना लाइसेंस ही ऑपरेट करने दिया जाए. दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह 30 जून तक दोपहिया गैर-परिवहन वाहनों को चलाने के लिए एक पॉलिसी लेकर आएगी.
जनवरी में दिल्ली सरकार ने जारी किया था नोटिस
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने एक पब्लिक नोटिस जारी किया था. जिसमें दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी गई थी और इसका उल्लंघन करने वालों को 1 लाख रुपये तक के जुर्माने की चेतावनी दी गई थी. रैपिडो ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका डाली थी जिसमें कहा गया था यह विभिन्न मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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