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दिल्ली में एंबुलेंस के रेट हुए तय, राज्यों में कालाबाजारी पर सख्ती

ऑक्सीजन, एबुंलेंस, रेमडेसिविर जैसी चीजों के लिए वसूले जा रहे मनमाने पैसे 

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देश में कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, एंबुलेस और अन्य मेडिकल सुविधाओं को लेकर जमाकर कालाबाजारी और तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने की खबरें सामने आ रही हैं. अब राज्यों ने इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया है. हरियाणा के गुरुग्राम के बाद अब दिल्ली सरकार ने भी एंबुलेंस के दाम तय कर दिए गए हैं.

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दिल्ली में एंबुलेंस के दाम तय

दिल्ली में एंबुलेंस का किराया तय कर दिया गया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट करके इस बात की जानकार दी.

उन्होंने कहा कि, हमारे संज्ञान में आया है कि दिल्ली में प्राइवेट एंबुलेंस सर्विसेस गैरकानूनी तरीके से अधिक शुल्क वसूल कर रही है. इस पर रोक लगाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने प्राइवेट एंबुलेंस सर्विसेस के अधिकतम प्राइस निर्धारित कर दी है. जो भी इस नियम को तोड़ते हुए, मरीजों से अधिक पैसे वसूलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कितनी होगी एंबुलेंस की फीस?

  • पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस - 1500 रुपये प्रति 10 किमी, इसके बाद 100 रुपये प्रति किमी
  • बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस - 2000 रुपये प्रति 10 किमी, इसके बाद 100 रुपये प्रति किमी
  • एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस - 4000 रुपये प्रति 10 किमी, इसके बाद 100 रुपये प्रति किमी

गुरुग्राम में भी एंबुलेंस के रेट हुए तय

वहीं गुरुग्राम के जिला प्रशासन ने गुरुवार को गुरुग्राम में मरीजों और शवों को ले जाने वाली एंबुलेंस और अन्य वाहनों के लिए अधिकतम किराया को लेकर आदेश जारी किया है. इसके तहत 3 किमी तक की दूरी के लिए 500 रुपये प्रति किमी शुल्क लिया जाएगा और उसके बाद यह 25 रुपये प्रति किमी होगा.

वहीं 750 रुपये 3 किमी से 7 किमी की दूरी के लिए और इसके बाद 25 रुपये प्रति किमी के लिए शुल्क लिया जाएगा. 7 किमी से अधिक के लिए 1,000 रुपये शुल्क लिया जाएगा और इसके बाद 25 रुपये प्रति किमी होगा.

गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर यश गर्ग ने कहा कि कोविड मरीजों से तय दरों से ज्यादा वसूलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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यूपी में दवाओं की कालाबाजारी पर सख्ती

उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रशांत कुमार, ADG (कानून व्यवस्था) ने कहा कि 282 इंजेक्शन, 1263 ऑक्सीजन सिलेंडर, 818 ऑक्सीमीटर और 52 लाख से ज्यादा रुपये बरामद किए गए हैं.

वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में एक प्राइवेट हॉस्पिटल पर FIR दर्ज की गई है. आरोप है कि गोमती नगर स्थित सन हॉस्पिटल ने कथित तौर पर ऑक्सीजन देने से इनकार कर दिया और इलाज के लिए अधिक पैसे मांगे. कुछ लोगों ने इस बात की शिकायत की.

इस मामले में सन हॉस्पिटल के निदेशक अरुण पांड के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई. वहीं एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की जांच में यह आरोप सही पाए गए.

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महाराष्ट्र में स्पेशल स्क्वॉड का एक्शन

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी भी धड़ल्ले से जारी है. इसे रोकने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने हर जिले में स्पेशल स्क्वॉड बनाया है.

इस स्पेशल स्कॉड ने अब तक राज्य के अलग-अलग जिलों में छापेमारी की कार्रवाई की है और कई लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है.

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एमपी में रासुका के तहत कार्रवाई

मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के बीच दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी. राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर, रेमडेसविर इंजेक्शन और अन्य जरूरी दवाओं को महंगी कीमत पर बेचने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा तय सीमा से अधिक चार्ज वसूलने वाले प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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उत्तराखंड में हर जिले के ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले रेमडेसविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए अहम कदम उठाया है. शासन ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश दिए हैं कि वे मेडिकल स्टोर्स में इसकी आपूर्ति और कीमत को लेकर समय-समय पर जांच करे तथा जमाखोरी और जरूरत से ज्यादा कीमत पर बेचने वाले मेडिकल स्टोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

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