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दिल्ली अध्यादेश पर AAP को कांग्रेस का साथ, विपक्षी बैठक में शमिल होंगे केजरीवाल

Delhi Ordinance पर कांग्रेस ने कहा, "हमारा रूख एकदम साफ है, हम दिल्ली अध्यादेश का समर्थन संसद में नहीं करेंगे."

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दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस ने रविवार (16 जुलाई) को आम आदमी पार्टी (AAP) को समर्थन देने का ऐलान किया. AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमारा रूख एकदम साफ है कि हम केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में लाये गये अध्यादेश का समर्थन संसद में नहीं करेंगे. कांग्रेस के अध्यादेश पर समर्थन देने के बाद AAP ने ऐलान किया कि वो 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी.

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कांग्रेस ने क्या कहा?

PTI से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "मुझे लगता है कि वे (AAP) कल (17 जुलाई) बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. जहां तक अध्यादेश (दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर) का सवाल है, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है. हम इसका समर्थन नहीं करेंगे."

कांग्रेस ने शनिवार (16 जुलाई) को कहा कि उसने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर मोदी सरकार के “हमलों” के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है और संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह ऐसे प्रयासों का विरोध करेगी.

कांग्रेस के फैसले का स्वागत करते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का स्पष्ट विरोध करने की घोषणा करती है."

PAC की बैठक में AAP ने लिया विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने का फैसला

कांग्रेस के ऐलान के बाद रविवार को दिल्ली के सीएम और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर पर PAC की बैठक में हुई, जिसमें विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल होने का निर्णय लिया गया.

बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "PAC बैठक में हर पहलुओं पर चर्चा हुई. दिल्ली अध्यादेश राष्ट्र विरोधी है. अरविंद केजरीवाल ने इस अध्यादेश के खिलाफ तमाम राजनैतिक पार्टियों का सहयोग मांगा और उन्होंने इसपर हमारा सहयोग किया, कांग्रेस पार्टी ने भी इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी."

बता दें कि सोमवार (17 जुलाई) को बेंगलुरु में विपक्ष दलों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में AAP के शामिल होने पर संशय था. क्योंकि पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में AAP ने दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस से अपना रूख साफ करने को कहा था, जिसके बाद दोनों दलों में एक बार फिर तकरार देखने को मिली थी.

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